Agniveer Emoluments: सियाचिन में शनिवार को अपना कर्तव्य निभाते हुए एक अग्निवीर ने अपने प्राणों की आहुति दे दी. सेना की लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने रविवार को इसकी जानकारी दी. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और बल के सभी रैंक के कर्मियों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर (Agniveer) गवते अक्षय लक्ष्मण के बलिदान पर शोक जताया. मालूम हो कि सियाचिन के काराकोरम पर्वत श्रृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है. ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने ट्वीट किया, सभी अधिकारी सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गवते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.’
गवते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान के बाद सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे कि अग्निवीरों को शहीद होने पर सेना के जवानों जैसा लाभ या फिर आर्थिक मदद नहीं दी जा रही है. विपक्षी दलों ने फिर से वही सवाल उठाया कि ‘अग्निवीर’ होने के नाते इस जवान के परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अग्निवीरों की शहादत के बाद उसके परिजनों को पेंशन या अन्य लाभ नहीं दिया जाता है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण की तस्वीर शेयर की और लिखा, ‘एक युवा, देश के लिए शहीद हो गया – सेवा के समय न ग्रेच्युटी न अन्य सैन्य सुविधाएं, और शहादत पर परिवार को पेंशन तक नहीं. अग्निवीर, भारत के वीरों के अपमान की योजना है!’ राहुल समेत विपक्षी दलों के आरोपों पर भारतीय सेना ने खुद स्पष्टीकरण दिया और बताया कि अग्निवीर के सर्वोच्च बलिदान पर परिवार को क्या-क्या सुविधाएं और लाभ दी जाती है.
Indian Army ने लक्ष्मण के बलिदान पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, ‘अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. दुख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. अग्निवीर के परिजनों को आर्थिक सहायता दिए जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर विरोधी पोस्ट को देखते हुए यह साफ करना जरूरी है कि परिवार को मिलने वाली परिलब्धियां सैनिक की सेवा की प्रासंगिक शर्तों और नियमों के तहत होंगी.
पोस्ट में आगे कहा गया, ‘अग्निवीरों की नियुक्ति की शर्तों के मुताबिक परिजनों को गैर-अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये के साथ-साथ 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी. इसके अलावा, परिजनों को सेवा निधि से भी राशि मिलेगी, जिसमें अग्निवीर के योगदान (30%), सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज की राशि शामिल है. इसके अलावा परिजनों को बलिदान की तारीख से 4 साल में बचे शेष कार्यकाल का वेतन (13 लाख रुपये से अधिक राशि) भी मिलेगा. इसके अलावा सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से 8 लाख रुपये का योगदान और AWWA की तरफ से तत्काल 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी शामिल है.
उधर, BJP IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी के आरोपों को ‘बिल्कुल बेबुनियाद और गैरजिम्मेदाराना’ बताया. उन्होंने कहा, ‘अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण ने सेवा के दौरान अपने प्राण गंवाए हैं और इसलिए वह ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सैनिक के रूप में परिलाभ पाने के हकदार हैं.’ मालवीय ने अपने पोस्ट में कहा, ‘इसलिए फर्जी खबरें न फैलाएं. आप प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं, कोशिश करें और वैसा ही व्यवहार करें.’