महंगाई की मार आम लोगों पर भारी पड़ रही है। किचन में इस्तेमाल होने वाले सभी खाद्य पदार्थों के रेट में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। पिछले दिनों टमाटर के दाम आसमान छू रहे थे जिससे सब्जियों से टमाटर गायब हो गया था। अब उसके दाम कम हुए तो दालों के दाम में आग लग रही है। एक माह में 15 से 20 प्रतिशत की तेजी आई है। बीते 15 दिन में भोपाल में तुअर दाल 30 रुपए महंगी होकर 180 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है।
मूंग, उड़द, मसूर और चना दाल के भाव भी 10 से 20 रुपए प्रति किलो तक बढ़ गए हैं। खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से आम आदमी परेशान है और उसके खाने का जायका किरकिरा हो गया है। इधर, दाल के फुटकर कारोबारियों के मुताबिक, दाल के दाम बढ़ने की मुख्य वजह जमाखोरी है। उनके मुताबिक, शासन-प्रशासन यदि इस ओर ध्यान दे तो निश्चित तौर पर दामों में कमी आएगी। इधर, कालीमूंछ चावल के दाम 40 से बढ़कर 50 और बासमती चावल 90 से बढ़कर 120 रुपए किग्रा हो गए हैं।
भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल के मुताबिक, भोपाल जिले में रोजाना 50 टन दालों की खपत होती है। इसमें से अकेले तुअर दाल की खपत करीब 25 टन है। दालों की आवक महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मप्र के पिपरिया से होती है। बारिश एवं अन्य वजहों से दाल की आवक कम हो रही है। थोक में ही तुअर दाल 162 रुपए प्रति किग्रा आ रही है।
दाल का भाव बढ़ने के डर से रेस्तरां व ढाबे वालों ने स्टाक बढ़ाना शुरू कर दिया है। शहर के कई छोट-बड़े रेस्तरां वालों ने थोक बाजार से तीन से चार बोरा दाल खरीदकर रख लिए हैं, ताकि भविष्य में भाव में तेजी का असर उनके व्यवसाय पर न पड़े। रेस्तरां संचालक अजय कुमार व महेश ने बताया कि पिछले एक माह के अंदर दाल के भाव में 20 से 25 रुपये की तेजी आई है। किराना विक्रेता आगे और भाव बढ़ने की संभावना जता रहे हैं। इसलिए हमने वर्तमान भाव पर स्टॉक जमा कर ली।