कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कक्षा 1 से 12 तक के 92.45 लाख़ से अधिक स्टूडेंट्स के लिए “पढ़ो-पढ़ाओ” योजना की घोषणा की है, स्कूली शिक्षा संवारने की दिशा में कांग्रेस का ये बड़ा ऐलान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस ने ऐतिहासिक ऐलान किया है। गोंड राजाओं की नगरी रामनगर में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही “पढ़ो-पढ़ाओ” योजना लागू की जाएगी। इसके तहत कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को 500-1500 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
प्रियंका गांधी ने ऐलान करते हुए बताया कि पढ़ो-पढ़ाओ योजना के तहत कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को प्रतिमाह पांच सौ रुपए दिए जाएंगे, नौंवी और दसवीं के बच्चों को एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे और 11वीं और 12वीं कक्षा में हर छात्र को पंद्रह सौ रुपए हर महीने दिए जाएंगे। स्कूली शिक्षा संवारने की दिशा में कांग्रेस का ये बड़ा ऐलान माना जा है।
जानकारों के मुताबिक यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनती है तो यहां “पढ़ो-पढ़ाओ” के रूप में विश्व की सबसे बड़ी छात्रवृति योजना लागू होगी। दुनिया में स्कूली शिक्षा संवारने की दिशा में इतना बड़ा कदम नहीं उठाया गया है। कोरोना के कठिन दौर के बाद से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जहां बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं मिला है, बच्चे फटे पुराने कपड़ों में स्कूल जाने को मजबूर हैं। ड्रॉप आउट रेट में रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी। ऐसे में यह योजना स्वाभिमान के साथ पढ़ाई के लिए बेहद आवश्यक है।
मध्य प्रदेश के 92 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। 2021-22 के वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 1 से 8वीं तक की कक्षा में 67.53 लाख़ बच्चें अध्ययनरत हैं। इनमें 33.36 लाख़ छात्र और 34.17 लाख़ छात्राएं शामिल हैं। इन्हें हर माह 500 रुपए देने की घोषणा की गई है। इनपर 337 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में 9वीं और 10वीं कक्षा में 14.53 लाख स्टूडेंट्स हैं। इनमें 7.29 लाख़ छात्र और 7.24 लाख़ छात्राएं शामिल हैं। इन्हें हर माह ₹1000 देने की घोषणा की गई है जिनपर ₹145.30 करोड़ खर्च होंगे। वहीं,11वीं और 12वीं कक्षा के बीच कुल 10.39 लाख़ स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं। इनमें छात्रों की संख्या 5.12 लाख़ और छात्राओं की संख्या 5.27 लाख़ है। इन्हें हर माह ₹1500 देने की घोषणा की गई है। इनपर हर माह 165.85 करोड़ खर्च होंगे। यानी कक्षा 1 से 12 तक के 92.45 लाख़ बच्चों को हर माह ₹648.80 करोड़ की छात्रवृत्ति देने की योजना है। इससे राज्य सरकार के वार्षिक बजट से साढ़े सात हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च होगा।
कांग्रेस का तर्क है कि हम शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे, अतिथि शिक्षकों को परमानेंट करेंगे और इस स्कीम के माध्यम से बच्चों को स्कूलों में रोकने की कोशिश करेंगे। क्योंकि कक्षा 8 के बाद मध्य प्रदेश में लगभग 60% बच्चें स्कूल छोड़ देते हैं। इनमें एससी/एसटी वर्ग के बच्चें सबसे ज़्यादा होते है। सर्व शिक्षा अभियान और मिड मिल जैसी योजनाओं के बाद स्कूली शिक्षा को संवारने की दिशा में कांग्रेस सरकार का यह ऐतिहासिक पहल साबित होगा।