दिल्ली:कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने लिखा कि पत्रकारों के खिलाफ यह कार्रवाई बिहार के जाति-आधारित सर्वे के नतीजों और देशभर में बढ़ती जाति जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का नया तरीका है.
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने भी एक बयान जारी कर पत्रकारों के यहां हुए छापों की कड़ी निंदा की है और कहा है कि वह मीडिया और संविधान द्वारा संरक्षित बोलने और और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ ‘दृढ़ता से खड़ा’ है.
इसने मीडिया के संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के विनाशकारी प्रभावों का ज़िक्र किया है.
इस कार्रवाई के बीच इंटरनेट स्वतंत्रता की पैरवी करने वाले कार्यकर्ताओं ने डिजिटल उपकरणों की जब्ती को चिंताजनक बताया है और कहा कि यह एक तरह का चलन बन गया है.
इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के अपार गुप्ता ने लिखा कि किसी पत्रकार के फोन और डिजिटल उपकरणों को जब्त करना एक बढ़ता चलन है जिसमें सुधार और सेफ गार्ड देने की ज़रूरत है.