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 आज है भाद्रपद अमावस्या,इसे “पिठोरी” अमावस्या भी कहा जाता है | dharmpath.com

Friday , 22 November 2024

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आज है भाद्रपद अमावस्या,इसे “पिठोरी” अमावस्या भी कहा जाता है

September 14, 2023 9:14 am by: Category: धर्म-अध्यात्म Comments Off on आज है भाद्रपद अमावस्या,इसे “पिठोरी” अमावस्या भी कहा जाता है A+ / A-

Bhadrapada Amavasya 2023: पंचांग के अनुसार हर माह अमावस्या आती है लेकिन भाद्रपद माह की बहुत ही खास और महत्वपूर्ण मानी गई है. इसे भाद्रपद अमावस्या या पिठोरी अमावस्या कहा जाता है. पंचांग के अनुसार आज यानि 14 सितंबर को भाद्रपद अमावस्या है. इस दिन पितरों का श्राद्ध क्रम किया जाता है और कहते हैं कि इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. भाद्रपद अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान की परंपरा है और स्नान के बाद व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान भी अवश्य करना चाहिए. इससे देवी-देवता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं भाद्रपद अमावस्या का महत्व और क्यों कहा जाता है इसे पिठोरी अमावस्या?

भाद्रपद अमावस्या को कुशग्रही अमावस्या व पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इसे पिठोरी अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके कुछ दिन बाद ही पितृपक्ष शुरू हो जाते हैं और इसलिए इस अमावस्या को श्राद्ध क्रम के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है. इस दौरान यदि पितर प्रसन्न हो जाएं तो अपना आशीर्वाद देते हैं. जिन लोगों पर पितरों की कृपा होती है उनके जीवन में हर कार्य सफल होता है और सुख-शांति का माहौल बनता है. भाद्रपद अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करना शुभ माना गया है लेकिन यह संभव न हो तो नहाते समय पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें. स्नान के बाद पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं. शाम के समय पीपल के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इससे पितर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं.

भाद्रपद अमावस्या या पिठोरी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व माना गया है. इसके बाद व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए. 14 सितंबर को भाद्रपद अमावस्या के दिन भी स्नान के बाद दान जरूर करें. अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना गया है और इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद सुबह 6 बजकर 5 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 38 मिनट तक स्नान व दान के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त है. भाद्रपद अमावस्या के दिन शुभ योग भी बन रहे हैं. इस दिन सुबह पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र लग रहा है जो कि अगले दिन यानि 15 सितंबर को सुबह 4 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.

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