भोपाल:मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार विश्व की सबसे अधिक घोटाले करने वाली सरकार है। शिवराज जी ने अपने 18 साल के कार्यकाल में घोटाले पर घोटाले कर भ्रष्टाचार का कीर्तिमान रच दिया है। शिवराज सरकार के काले कारनामों का काला चिट्ठा बहुत लंबा है, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण महाघोटालों को शामिल कर कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार के 18 साल के कार्यकाल की घोटाला-शीट तैयार की है। इससे मध्य प्रदेश की जनता को 50 प्रतिशत कमीशनराज की तथ्यात्मक हकीकत भली भांति समझ आ जाएगी।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही। पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, आरोप पत्र समिति के समन्वयक श्री पारस सकलेचा, मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्री राजीव सिंह, मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री के.के. मिश्रा और प्रवक्ता सुश्री निकिता खन्ना मौजूद थे।
घोटाला शीट में जिन प्रमुख घोटालों का जिक्र किया गया है, उनमें 15000 करोड रुपए का पोषण आहार घोटाला, 12000 करोड रुपए का मिड-डे मील घोटाला, 9500 करोड रुपए का आंगनबाड़ी नल जल घोटाला, 600 करोड रुपए का गणवेश घोटाला, 2000 करोड रुपए का सर्व शिक्षा अभियान घोटाला, 2000 करोड रुपए का व्यापम महा घोटाला, 2000 करोड रुपए का नर्सिंग घोटाला, 3000 करोड़ रुपए का कौशल घोटाला, 2500 करोड़ रुपए का पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाला, 94000 करोड़ का बिजली घोटाला, 10,000 करोड़ का जल जीवन मिशन घोटाला और 50,000 करोड रुपए का चेक पोस्ट घोटाला शामिल है।
कमलनाथ ने कहा कि संसार में ऐसा उदाहरण कम ही मिलेगा जब किसी मुख्यमंत्री ने गर्भस्थ शिशु से लेकर मृत्यु को प्राप्त हो चुके मनुष्य तक को अपने घोटाले में शामिल कर लिया हो और इतना ही नहीं घोटाला करने में भगवान को भी ना छोड़ा हो।कमलनाथ ने कहा कि पोषण आहार घोटाले में शिवराज सरकार ने गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशुओं के साथ भ्रष्टाचार किया। राशन घोटाले में सभी नागरिकों के भोजन में घोटाला किया। आयुष्मान घोटाले में मृतकों के नाम पर उपचार कराकर संसार से विदा हो चुके मृतकों के नाम पर भी घोटाला कर दिया। यही एक ऐसी सरकार है जिसने सिंहस्थ और महाकाल लोक घोटाले में भ्रष्टाचार कर भगवान के साथ भी धोखा किया है। शायद इन्हीं जैसे बेईमानों के लिए यह गाना लिखा गया था-भगवान को धोखा देते हैं, इंसान को यह क्या छोड़ेंगे?कमलनाथ ने कहा कि नर्मदा मैया में अवैध उत्खनन कर इन्होंने मध्य प्रदेश की जीवनदायनी मां नर्मदा के साथ भी छल किया है। उन्होंने कहा कि इन्होंने दवा और दारू दोनों में घोटाला किया है। मध्यप्रदेश में हुआ नर्सिंग कॉलेज घोटाला और 86000 करोड़ रू. का शराब घोटाला इसी की बानगी है।
कमलनाथ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में तो शिवराज सरकार ने घोटालों की झड़ी लगा दी है। व्यापम घोटाला अगर शिक्षा के क्षेत्र में हुआ दुनिया का सबसे बड़ा और भयानक घोटाला है तो शिवराज सरकार ने स्कूल में, स्कूल में चलने वाली कक्षाओं में, कक्षाओं में बैठने वाले छात्रों और छात्रों के द्वारा पहने जाने वाली गणवेश में और कक्षा में सिखाए जाने वाले कौशल में भी घोटाला किया है, कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार जनमत से नहीं, बल्कि धनमत से बनी सरकार है। लोकतंत्र से घोटाला कर बनी शिवराज सरकार ने सरकारी खजाने को लूट कर घोटाला करना अपना मूल मंत्र बना लिया है। वह दिन दूर नहीं है जब आप गूगल पर घोटाला या स्कैम सर्च करोगे तो सामने शिवराज जी की तस्वीर आ जाएगी। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार कमीशन, भ्रष्टाचार और घोटालों को अपना अधिकार समझने लगी है। इसीलिए जब एक ठेकेदार ने कमीशन राज से दुखी होकर पत्र लिखा और प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने उसे पत्र को प्रकाशित किया तथा कांग्रेस के नेताओं ने उन समाचारों को ट्वीट किया तो बजे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की शिवराज सरकार के इशारे पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पूरे प्रदेश में मुकदमे दर्ज करने का अभियान शुरू कर दिया गया। लेकिन कल रीवा के दूसरे ठेकेदार ने कैमरे के सामने स्वीकार किया कि गौशाला निर्माण में भी 50 प्रतिशत कमीशनराज चल रहा है, इससे पता चलता है कि शिवराज सरकार चोरी और सीनाजोरी पर उतर आई है।
कमलनाथ ने कहा कि आज जो घोटाला शीट जारी की जा रही है उसे कांग्रेस के कार्यकर्ता मध्य प्रदेश के हर घर तक पहुंचाएंगे, ताकि मध्य प्रदेश की जनता यह जान सके कि उनके साथ किस तरह लूट की जा रही है।
मध्यप्रदेश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि शिवराज सरकार ने जो चार लाख करोड रुपए का कर्ज लिया है, वह जनता की भलाई के लिए नहीं लिया है, प्रदेश के विकास के लिए नहीं लिया है, बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए नहीं लिया है, नए मध्यप्रदेश का निर्माण करने के लिए नहीं लिया है, बल्कि सरकार का कर्ज लेने का एक ही मकसद है कि अधिक से अधिक रकम कैसे भ्रष्टाचार के माध्यम से भाजपा की जेब में डाल दी जाए।
आज मध्य प्रदेश का हर व्यक्ति या तो भ्रष्टाचार का शिकार है या भ्रष्टाचार का गवाह है। शिवराज सरकार में कोई भी काम पैसे के लेनदेन के बिना नहीं होता। मध्य प्रदेश की जनता को 50 प्रतिशत के इस कमीशन राज से मुक्ति दिलाना कांग्रेस पार्टी अपना लोकतांत्रिक कर्तव्य समझती है।
शिवराज सरकार के इन घोटालों को हमें ना सिर्फ जानना और समझना है, बल्कि ऐसी व्यवस्था मध्यप्रदेश में बनानी है, जिससे कि कमीशन और भ्रष्टाचार का यह गोरखधंधा हमेशा के लिए समाप्त हो जाए। तीन महीने बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होंगे और उस समय मध्य प्रदेश की जनता के पास इस भ्रष्ट सरकार को दंडित करने का सुनहरा अवसर होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि मध्य प्रदेश की जनता सच्चाई का साथ देगी और इंसान से लेकर भगवान तक भ्रष्टाचार करने वाली शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकेगी।