बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में बुधवार को तब ज़ोरदार ड्रामा देखने को मिला, जब सुरक्षा कर्मियों ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को परिसर में घुसने से रोकने की कथित तौर पर कोशिश की.
तीस्ता सीतलवाड़, आईआईएससी के छात्रों के एक समूह ‘ब्रेक द साइलेंस’ द्वारा ‘सांप्रदायिक सद्भाव और न्याय’ पर आयोजित एक वार्ता में भाग लेने संस्थान में स्थित केंद्रीय विद्यालय के गेट पर पहुंची थीं.
हालांकि वहां मौजूद एक सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया.
इस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े एक छात्र के अनुसार, उन्होंने लगभग सात दिन पहले इस कार्यक्रम के लिए सीसीई हॉल बुक किया था और तब आईआईएससी के प्रशासन ने उसकी अनुमति देने से मना नहीं किया था.
हालांकि, तय कार्यक्रम से केवल कुछ घंटे पहले उन्हें बताया गया कि अब वे सीसीई हॉल में कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकते. ऐसे में आयोजन स्थल बदलना पड़ा.
तीस्ता सीतलवाड को उसके बाद अगले गेट पर ले जाया गया, जहां उन्हें फिर से रोक दिया गया. लेकिन आईआईएससी के एक प्रोफेसर ने जब उच्च अधिकारियों को बुलाया, तब उन्हें अंदर जाने की अनुमति मिली.
अंत में यह कार्यक्रम संस्थान में स्थित एक कैंटीन के बाहर आयोजित हुआ.
इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सीतलवाड़ ने कहा है कि 21वीं सदी के भारत के एक प्रमुख संस्थान और किसी सार्वजनिक स्थान पर सांप्रदायिक सद्भाव, न्याय, शांति स्थापना और नफ़रत वर्जित विषय नहीं हो सकते.
एक प्रोफ़ेसर ने एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से जानकारी दी कि उन्हें सीतलवाड़ को रोकने के निर्देश दिए गए थे.