इस्लामाबाद। भीषण आर्थिक संकट के चलते कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान को सऊदी अरब का सहारा मिला है। दोनों देशों ने मिलकर दस अरब डॉलर से रिफाइनरी लगाने का फैसला किया है।
पाकिस्तान इस समय भीषण आर्थिक संकट झेल रहा है, ऐसे में मदद को सऊदी अरब सामने आया है। तय हुआ है कि पाकिस्तान और सऊदी अरब मिलकर ग्वादर में विशाल रिफाइनरी लगाएंगे। इस परियोजना पर 10 अरब डॉलर खर्च होंगे। इस रिफाइनरी के लिए पाकिस्तान की पांच सरकारी कंपनियां और सऊदी अरब की चर्चित तेल कंपनी अरमाको निवेश करेगी। पाकिस्तान इस परियोजना में 70 फीसदी पैसा लगाएगा और सऊदी अरब की कंपनी 3 अरब डॉलर खर्च करेगी। इस रिफाइनरी में हर दिन चार लाख बैरल तेल साफ करने की क्षमता होगी।
दरअसल, पाकिस्तान पहले चाहता था कि सऊदी अरब पूरे 10 अरब डॉलर अकेले निवेश करे, लेकिन उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया। पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत ही खराब होने के चलते सऊदी अरब पहले ही उसे काफी लोन दे चुका है। शहबाज शरीफ से लेकर आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर तक सऊदी प्रिंस से गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद भी सऊदी अरब ने इस परियोजना के लिए पूरा धन खर्च करने से इनकार कर दिया है।
सऊदी अरब के इस रुख के बाद आखिरकार शहबाज सरकार को रिफाइनरी में 70 फीसदी पैसा लगाने के लिए बाध्य होना पड़ा है। इससे पहले सऊदी प्रिंस ने साल 2019 में यात्रा के दौरान 20 अरब डॉलर के निवेश पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें 10 अरब डॉलर रिफाइनरी पर खर्च किया जाना था। हालांकि, अब रिश्ते खराब होने के बाद वह केवल 3 अरब डॉलर का ही निवेश कर रहा है।