नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को प्रगति मैदान में नव विकसित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर जी-20 पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।
आईईसीसी परिसर में स्थित कन्वेंशन सेंटर को ‘भारत मंडपम’ नाम दिया गया है। इसे प्रगति मैदान परिसर के केंद्रबिंदु के रूप में विकसित किया गया है। यह एक भव्य वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना है, जिसे बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, सम्मेलनों, सेमीनारों और अन्य प्रतिष्ठित कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए डिजाइन किया गया है। यह कई मीटिंग रूम, लाउंज, ऑडिटोरियम, एम्फीथिएटर और बिजनेस सेंटर से सुसज्जित है, जो इसे कई प्रकार के कार्यक्रमों की मेजबानी करने में सक्षम बनाता है। इसके भव्य बहुउद्देश्यीय हॉल और प्लेनरी हॉल की संयुक्त क्षमता सात हजार लोगों की है, जो ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध सिडनी ओपेरा हाउस की बैठने की क्षमता से भी बड़ी है। इसके शानदार एम्फीथिएटर में 3,000 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था है।
लगभग 2700 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह विशाल परिसर 123 एकड़ में फैला हुआ है। यह भारत का सबसे बड़ा एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) गंतव्य है और यह विश्व के शीर्ष प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में शामिल है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राजनाथ सिंह, डॉ. जितेंद्र सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आर्थिक जगत से जुड़े कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इससे पहले आज सुबह प्रधानमंत्री ने आईईसीसी परिसर में हवन-पूजन में भाग लिया और परिसर के निर्माण कार्य में शामिल मजदूरों को सम्मानित किया था।