नई दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने विधि आयोग को अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) ‘देश के हित में नहीं है’. पार्टी ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि विवादास्पद मामले पर निर्णय लेते समय सिख समुदाय का ‘सम्मान’ किया जाए.
पार्टी ने विधि आयोग को बताया, ‘जहां तक सिख समुदाय का सवाल है, उनकी धार्मिक पहचान का सवाल, जिनमें उनके रीति-रिवाज और संस्कृति शामिल हैं, उनके लिए जीवन से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं. यह प्रदर्शित करने के लिए कि सिखों के लिए खालसा पहचान जीवन से भी ऊपर है, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों ने जीवन के बजाय शहादत को प्राथमिकता दी.’
इसमें कहा गया है कि पार्टी की राय पंजाब और उसके बाहर के हितधारकों के साथ किए गए व्यापक विचार-विमर्श पर आधारित है.
पार्टी ने कहा ‘हमने जो व्यापक धारणा एकत्र की है, वह यह है कि यदि यूसीसी लागू किया जाता है तो यह निश्चित रूप से विभिन्न जाति, पंथ और धर्मों के अल्पसंख्यक समुदायों की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा.’
पार्टी ने तर्क दिया कि समान नागरिक संहिता का देश में विभिन्न समुदायों के ‘विविध रीति-रिवाजों, संस्कृति और विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों’ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.