कोझिकोड (केरल): मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने दावा किया कि समान नागरिक संहिता (UCC) एक राजनीतिक हथियार है जिसका इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए कर रही है. वाम दल द्वारा यूसीसी पर चर्चा के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एकरूपता का मतलब समानता नहीं है.
येचुरी ने कहा कि भेदभावपूर्ण कानूनों को पूरे समुदाय के परामर्श से ठीक किया जाना चाहिए, न कि ऊपर से यूसीसी थोपकर. माकपा महासचिव ने कहा, ‘‘एकरूपता का मतलब समानता नहीं है. माकपा समानता के लिए खड़ी है जैसे कि भारत का संविधान समानता के लिए है…और यह वह समानता है जिसके लिए हमें लड़ने की ज़रूरत है…हममें से हर कोई पहले एक इंसान है और उसके बाद बाकी कुछ.’’
माकपा नेता ने कहा कि 21वें विधि आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया था कि यूसीसी ‘‘इस स्तर पर न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय.’’ येचुरी ने कहा कि एकरूपता थोपने का कोई भी प्रयास हमारे सामाजिक ताने-बाने को तोड़ देगा.
येचुरी ने आरोप लगाया, ‘‘यूसीसी एक नारा है जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए है. यह वास्तव में कोई एकरूपता हासिल करने के लिए नहीं है…बल्कि इसे भाजपा द्वारा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.’’