कैलेंडर के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 02 जुलाई रविवार को रात 08 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन सोमवार को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान 3 जुलाई को किया जाएगा.
3 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा के दिन दो शुभ योग ब्रह्म और इंद्र बन रहे हैं. इस दिन ब्रह्म योग दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक है, उसके बाद से इंद्र योग प्रारंभ हो जाएगा. ये दोनों ही योग पूजा-पाठ आदि के लिए शुभ हैं.
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन सुबह से ही स्नान, दान और पूजा के लिए मुहूर्त बना है. इस दिन अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 05:27 बजे से सुबह 07:12 बजे तक है. उसके बाद शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 08:56 बजे से सुबह 10:41 बजे तक है.
आषाढ़ पूर्णिमा को शाम 07 बजकर 40 मिनट पर चंद्रमा का उदय होगा. जो लोग व्रत रखेंगे, वे इस समय पर चंद्रमा की पूजा करने के बाद अर्घ्य देंगे. चंद्र अर्घ्य और पूजा करने से जीवन में सुख और शांति आती है.
3 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा वाले दिन सुबह में 1 घंटा 20 मिनट के लिए भद्रा है. उस दिन भद्रा का समय सुबह 05 बजकर 27 मिनट से सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक है.
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं. उनकी कथा का आयोजन होता है. ऐसा करने से परिवार में सुख और समृद्धि आती है. आषाढ़ पूर्णिमा की रात चंद्रमा पूजा से कुंडली का चंद्र दोष दूर होगा. रात्रि के समय में माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है.