बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनावों में इस बार चुनावों में 10 महिलाओं ने जीत दर्ज की है. इनमें से तीन भाजपा से, चार कांग्रेस से, दो जेडी (एस) से और एक निर्दलीय प्रत्याशी हैं. इनमें से तीन भाजपा से, चार कांग्रेस से, दो जेडी (एस) से और एक निर्दलीय प्रत्याशी हैं.
इस चुनाव के लिए नामांकित 185 महिलाओं में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 12 महिला प्रतिनिधियों को नामांकित किया, कांग्रेस ने 11 और जनता दल (सेक्युलर) ने 13 को नामांकित किया. सबसे अधिक संख्या में महिलाओं (17) को आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा नामांकित किया गया, हालांकि वे चुनाव में अपनी छाप छोड़ने में असफल रहीं.
कर्नाटक में पहली महिला विधायक कडीडल मंजुला थीं, जो 1967 के राज्य विधानसभा चुनावों में मुद्देबिहाल निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गई थीं. वह कांग्रेस की सदस्य थीं.
मंजुला की जीत कर्नाटक के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई, क्योंकि वह राज्य विधानसभा में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं और निस्संदेह उनके निर्वाचन ने अधिक महिलाओं के राजनीति में प्रवेश करने का मार्ग प्रशस्त किया
लक्ष्मी आर. हेब्बलकर (कांग्रेस), जो बेलगाम ग्रामीण से मौजूदा विधायक हैं, ने अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की. रूपकला एम. (कांग्रेस) ने भी अपनी सीट बरकरार रखी. दोनों 50,000 से अधिक मतों के अंतर से जीतीं.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘हमारे सभी संस्थापक पिताओं और माताओं का पूर्ण अपमान. गांधी, नेहरू, पटेल, बोस, वगैरह को पूरी तरह नकारना. डॉ. आंबेडकर का घोर तिरस्कार.’