हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है. हनुमान जी के जन्म से जुड़ी सबसे प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन किया गया, तो उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया था. इसके बाद देव-दानवों के बीच युद्ध छिड़ गया. जो अनंत काल तक चला.
ये देख भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया. उस रूप को देख भगवान शिव भी कामातुर हो गए थे. भगवान शिव ने वीर्य त्याग किया, जिसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया. इसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से श्री हनुमान का जन्म हुआ था.
कहा जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि का प्रकोप कम होता है. हर मंगलवार और शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करने से ना केवल शनि की कृपा मिलती है, बल्कि जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगलवार का दिन विशेष तौर पर हनुमान जी को समर्पित है और इस दिन लोग पूरे विधान के साथ उनका पूजन करते हैं. हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. कहते हैं कि अगर व्यक्ति की कोई मनोकामना है तो पीपल के पत्ते पर श्रीराम लिखकर मन में मनोकामना बोलें और वह पत्ता हनुमान जी के चरणों में समर्पित कर दें. इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी.