Budget Session 2023: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है. दूसरे चरण में सरकार की प्राथमिकता वित्त विधेयक को पारित कराने की रहेगी, वहीं, विपक्षी दल, गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरूपयोग और अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जोर देकर कहा कि वे सरकार को जवाबदेह बनाने में एक रचनात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं और उन्होंने “राष्ट्र के सामने हर ज्वलंत मुद्दे” पर सदन में चर्चा की मांग की. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार को हुई एक बैठक में सदन में व्यवधान को रोकने के तरीकों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के विचार जानने चाहे.
विपक्षी सदस्यों ने गैर-भाजपा सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और धनखड़ के निजी कर्मियों को संसदीय समितियों में नियुक्त करने के कदम का मुद्दा उठाया. बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान दोनों सदनों में रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी दलों की बैठक सोमवार को सुबह होगी. लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि विपक्ष एकजुट रुख अपनाए. उन्होंने कहा, “हम लोगों के मुद्दों – मूल्य वृद्धि, एलपीजी लागत, अडाणी, एजेंसियों के दुरुपयोग, किसानों के मुद्दों, राज्यपालों के हस्तक्षेप को उठाना जारी रखेंगे. हम सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ काम करना जारी रखेंगे. कल की बैठक उसी उद्देश्य के लिए बुलाई गई है, जैसा हम चाहते हैं कि विपक्ष एकजुट हो.
कांग्रेस नेता के. सुरेश ने कहा कि उनकी पार्टी अडाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे को उठाना जारी रखेगी और सरकार से सवाल पूछेगी क्योंकि सत्र के पहले चरण में इस बारे में सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया था. मुख्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रहा है. विपक्षी दलों द्वारा सत्र के दूसरे चरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विपक्षी नेताओं पर छापा मारने के मुद्दे को भी उठाने की संभावना है. विपक्षी दलों ने गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की है.
वहीं, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि सरकार की प्रमुख प्राथमिकता वित्त विधेयक को पारित कराने की है. उन्होंने कहा कि सत्र के दूसरे चरण में रेलवे, पंचायती राज, पर्यटन, संस्कृति, स्वास्थ्य सहित कई मंत्रालयों से जुड़ी अनुदान की मांगों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि बाद में विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के लिए प्रस्तावित अनुदानों की मांगों एवं उनसे संबंधित विनियोग विधेयक को ‘गिलोटिन’ (बिना चर्चा के) के माध्यम से मंजूरी दी जायेगी. मेघवाल ने कहा, ‘‘ इसके बाद वित्त विधेयक पारित किया जायेगा. इसके बाद हम विपक्ष द्वारा उठाये गए मुद्दों पर ध्यान देंगे. हमारी पहली प्राथमिकता वित्त विधेयक पारित कराने की होगी. फिर हम विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को हुई थी जिस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया था. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा. सोमवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2022-23 के लिए अनुपूरक मांगों के दूसर बैच का दस्तावेज सदन में पेश करेंगी. वह लोकसभा में वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का बजट भी पेश करेंगी. उक्त दोनों विषय सोमवार के लिए लोकसभा की कार्यसूची में सूचीबद्ध हैं. सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस एलआईसी, एसबीआई के समक्ष संभावित खतरे, महंगाई, बेरोजगारी, केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरूपयोग के मुद्दे को उठायेगी. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने हाल ही में कहा था कि एलआईसी से जुडे निवेश प्रभाव खतरे, महंगाई जैसे विषयों का आम लोगों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और तृणमूल कांग्रेस इन विषयों को उठायेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरूपयोग के विषय को भी उठायेगी.