Ayushman Bharat Health Card: मध्य प्रदेश के निजी अस्पतालों को सरकार का आयुष्मान योजना (Ayushman Scheme) के तहत भुगतान नहीं मिलेगा. इसके साथ ही प्रदेश भर के निजी अस्पतालों (Private Hospitals) के करीब 1600 करोड़ रुपये के भुगतान पर शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार ने रोक लगा दी है.
मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारकों का निजी अस्पतालों में निशुल्क उपचार किया जाता था. लेकिन निजी अस्पताल प्रबंधनों की ओर से आयुष्मान योजना में जमकर गड़बड़ी करने की खबरों के बाद शिवराज सरकार ने सख्त रुख इख्तियार कर लिया है. इस गड़बड़ी से परेशान होकर मध्यप्रदेश सरकार ने अब निजी अस्पतालों के आयुष्मान भुगतान पर रोक लगा दी है.
मध्य प्रदेश के निजी अस्पतालों का करीब 1600 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है, फिलहाल, मध्य प्रदेश शासन ने निजी अस्पतालों के 1600 करोड़ रुपये के भुगतान पर रोक लगा दी है.
शासन ने आदेश जारी कर कहा है कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में संचालित अस्पतालों में से जो अस्पताल 50 बेड से अधिक या फिर एनबीएच की पात्रता रखेंगे उन अस्पतालों को जनरल मेडिसिन के मरीज को उपचार देने की पात्रता होगी और उन्हें ही दवा का भुगतान सरकार करेगी. 50 बेड से कम वाले अस्पताल जनरल मेडिसिन के अलावा अन्य विधाओं में आयुष्मान योजना में पात्र रहेंगे, जो अस्पताल जनरल मेडिसिन में पात्र रहना चाहते हैं, वे 31 मार्च 2023 तक अपने अस्पताल में बेड संख्या बढ़ा लें.
बता दें आयुष्मान योजना के तहत कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया डायलिसिस, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद और अन्य चिह्नित गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार इस योजना के तहत किया जाता है.
आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष पांच लाख तक के नि:शुल्क इलाज का लाभ दिया जाता है. योजना से संबद्ध देशभर के किसी भी चिह्नित सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा है. मरीज के भर्ती होने से 7 दिन पहले तक की जांचें, भर्ती के दौरान इलाज व भोजन और डिस्चार्ज होने के 10 दिन बात तक का चेकअप और दवाएं इस योजना के तहत निशुल्क दी जाती है.