Shanidev ke upaay: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है और इस दिन लोग विधि-विधान के साथ शनिदेव का पूजन करते हैं. शनिदेव का न्याय का देवता भी कहा जाता है और वह लोगों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर शनि की बुरी दृष्टि पड़ जाए उसे परेशानियां घेर लेती हैं. इसलिए लोग शनिदेव का आशीर्वाद पाने के लिए शनिवार के दिन उनका पूजन करते हैं और पूजा के समय उन्हें सरसों का तेल चढ़ाते हैं. शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाना शुभ माना गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शनिदेव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाया जाता है और इसके पीछे क्या वजह है? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब.
मान्यता है कि एक बार महावीर हनुमान श्रीराम के किसी कार्य में व्यस्त थे. उस जगह से शनिदेव जी गुजर रहे थे. रास्ते में उन्हें हनुमानजी दिखाई पड़े. अपने स्वभाव की वजह से शनिदेव जी को शरारत सूझी और वे उस रामकार्य में विघ्न डालने हनुमान जी के पास पंहुच गए. हनुमानजी ने शनि देव को चेतावनी दी और उन्हें ऐसा करने से रोका पर शनिदेव नहीं माने. हनुमानजी ने तब शनिदेव जी को अपनी पूंछ से जकड़ लिया और फिर से राम कार्य करने लगे. कार्य के दौरान वे इधरउधर चहलकदमी भी कर रहे थे. अत: शनिदेवजी को बहुत सारी चोटें आई. शनिदेव ने बहुत प्रयास किया पर हनुमान जी की कैद से खुद को छुड़ा नहीं पाए. उन्होंने विनती की पर हनुमानजी अपने कार्य में खोये हुए थे. जब राम जी का कार्य ख़त्म हुआ तब उन्हें शनिदेवजी का ख्याल आया और तब उन्होंने शनिदेव को आजाद किया.
शनिदेव जी को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने हनुमानजी से माफ़ी मांगी कि वे कभी भी राम और हनुमान जी के कार्यों में कोई विघ्न नहीं डालेंगे और श्री राम और हनुमान जी के भक्तों को उनका विशेष आशीष प्राप्त होगा. शनिदेव जी ने भगवान श्री हनुमान से सरसों का तेल मांगा जिसे वह अपने घावों पर लगा सके और जल्द ही चोटों से उभर सकें. हनुमानजी ने उन्हें वो तेल उपलब्ध करवाया और इस तरह शनिदेव के जख्म ठीक हुए. तब शनिदेव जी ने कहा कि इस स्मृति में जो भी भक्त शनिवार के दिन मुझपर सरसों का तेल चढ़ाएगा उसे मेरा विशेष आशीष प्राप्त होगा.
अस्वीकरण:यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं.dharmpath.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.