टोक्यो, 29 जनवरी (आईएएनएस)। जापान में मौत की सजा जारी रहेगी, क्योंकि 80 फीसदी से अधिक देशवासियों ने इस सजा का समर्थन किया है। मीडिया ने गुरुवार को न्याय मंत्री योको कामिकावा के हवाले से यह जानकारी दी।
सरकार द्वारा हाल में कराए गए एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है कि 80.3 फीसदी जापानियों ने मौत की सजा का समर्थन किया है, जबकि 9.7 फीसदी लोगों का कहना है कि इसे खत्म कर देना चाहिए।
कामिकावा ने सर्वेक्षण के परिणाम को सकारात्मक करार दिया और कहा कि इस संबंध में सावधानीपूर्वक कदम उठाया जाना जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की संभावनों के कई बार संकेत आने के बावजूद इस सजा पर वर्तमान नीति में बदलाव करने की कोई मंशा नहीं है।
समाचार पत्र असाही के मुताबिक, “अधिकांश लोगों का मानना है कि वैसे लोग जो बेहद संगीन अपराध करते हैं उनके लिए यह सजा अपरिहार्य है।”
कामिकावा ने मौत की सजा के खिलाफ वैश्विक रुख तथा इस सजा को समाप्त करने के लिए जापान के कार्यकर्ताओं द्वारा दाखिल याचिका का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, “यह जापान से जुड़ा मामला है और क्या होना चाहिए, इसपर जापानवासियों को फैसला करना है।”
दिसंबर 2012 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद अब तक 11 दोषियों को मौत की सजा दी जा चुकी है।
विकसित और लोकतांत्रिक देशों में केवल जापान और अमेरिका ही ऐसे देश हैं, जहां मौत की सजा का प्रावधान है।