चट्टोग्राम में बुधवार को भारतीय टीम जब 2 टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज करने उतरेगी तो यह इरादा लेकर ही मैदान में उतरेगी कि वह मेजबान टीम को 2-0 से रौंदकर घर लौटे. इससे उसे वनडे सीरीज में मिली हार का बदला भी लेने का मौका मिलेगा और साथ ही आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (ICC- WTC) के फाइनल में खेलने की अपनी संभावनाएं और मजबूत बढ़ाने का मौका भी मिलेगा. इस रेस में अब सिर्फ 4 टीमें ही गिनी जा रही हैं.ऑस्ट्रेलिया सबसे ऊपर है. उसके बाद साउथ अफ्रीका और श्रीलंका हैं और फिर भारत का नाम आता है. इस बीच ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका भी 17 दिसंबर से एक-दूसरे के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलेंगे, जबकि श्रीलंका को न्यूजीलैंड में जाकर दो टेस्ट मैच खेलने हैं.
ऑस्ट्रेलिया का विनिंग पर्सेंटेज 75 प्रतिशत है. उसके बाद साउथ अफ्रीका 60, फिर श्रीलंका 53.33 है और इसके बाद भारत का नंबर है, जो 52.08 है. लेकिन भारत के लिए राहत की बात है कि अभी उसे 6 टेस्ट मैच खेलने हैं.
अब भारत को अगर टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलना है, तो उसके लिए अपना समीकरण सिंपल है. उसे अपने 6 के 6 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज करनी होगी. बांग्लादेश के खिलाफ उसका रिकॉर्ड बेहतर रहा है.
अगर वह इस बार भी ऐसा कर लेता है तो उसका अगला लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया होगा, जहां भारत अपने घर में कंगारुओं से 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगा. हालांकि कंगारुओं के खिलाफ चारों टेस्ट जीतना आसान कभी नहीं होगा. लेकिन फिर भारत के पास अपनी घरेलू परिस्थितियों का अडवान्टेज जरूर होगा.
अगर भारत अपने बाकी बचे सभी 6 टेस्ट मैच जीत लेता है तो उसका विनिंग पर्सेंटेज 68.06 हो जाएगा. इससे उन्हें आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया या साउथ अफ्रीका में से किसी एक के खिलाफ खिताबी मुकाबला खेलने का मौका मिलेगा.
वैसे ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच होने वाली 3 टेस्ट मैच की सीरीज में दोनों टीमों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल सकती है. इस सीरीज के नतीजे भी दोनों टीमों की विनिंग पर्सेंटेज को प्रभावित करेंगी ही.