Madhya Pradesh News: बिजली बिल न भर पाने वाले भोपाल नगर निगम को नेताओं के स्वागत कि चिंता सता रही है. स्वागत के जरिए नेताओ को खुश करने के लिए भोपाल नगर निगम ने डेढ़ करोड़ रुपए का फूल मालाओं का टेंडर निकाला है. कर्ज में डूबे भोपाल नगर निगम के इस फैसले से निगम की नेता प्रतिपक्ष भड़क गई हैं. वहीं, नगर निगम के अध्यक्ष अधिकारियों से नाराज हैं. बताया जा रहा है कि नेताओं और अधिकारियों को खुश करने के लिए निगम ने फूल मालाएं और बुके देने के लिए डेढ़ करोड रुपए का टेंडर जारी किया है. निविदा सूचनाएं जारी कर नगर निगम ने तमाम प्रकार के आयोजनों में फूल, मालाओं, बुके, फ्लावर डेकोरेशन के लिए टेंडर निकाला है.
निगम की नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने इसे फिजूलखर्ची बताया है. उन्होंने इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है. नगर निगम के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी का कहना है कि जरूरत की चीजों को भूलकर नगर निगम फूल माला जैसी चीजों पर फिजूलखर्ची करते हुए डेढ़ करोड़ तक खर्च कर रहा है जोकि जनता के साथ धोखा है.
मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल की कई सड़के इतनी खराब हैं कि इस पर चलना मुश्किल है. इतना ही नहीं शहर के अंदर सिविरेज लाइन की समस्या भी बनी हुई है. नालियां ठीक से काम नहीं कर रही हैं क्योंकि ठेकेदारों का पेमेंट नगर निगम ने अभी तक नहीं किया है. ड्रेनेज सिस्टम का हाल किसी से छिपा नहीं है.विकास कार्यो भी प्रभावित है. नगर निगम का कहना है कि उसके पास पैसे की कमी है और उसे कर्जा लेना पड़ रहा है.
बता दें कि अभी हाल ही में बिजली का बिल न जमा करने के चलते नगर निगम के द्वारा लगाई गई शहर में स्ट्रीट लाइटों से बिजली की सप्लाई को बंद कर दिया गया था. शहर की स्ट्रीट लाइट पूरी तरह से बंद होने पर विभागीय मंत्री की दखल के बाद इसे दोबारा से चालू किया गया था. गौरतलब है कि नगर निगम पहले से ही कर्जे में है और जनता से टैक्स के रूप में मोटी रकम भी वसूल रही है लेकिन सुविधाएं नहीं दे पा रही हैं.
निगम की नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने इसे फिजूलखर्ची बताया है. उन्होंने इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है. नगर निगम के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी का कहना है कि जरूरत की चीजों को भूलकर नगर निगम फूल माला जैसी चीजों पर फिजूलखर्ची करते हुए डेढ़ करोड़ तक खर्च कर रहा है जोकि जनता के साथ धोखा है.
मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल की कई सड़के इतनी खराब हैं कि इस पर चलना मुश्किल है. इतना ही नहीं शहर के अंदर सिविरेज लाइन की समस्या भी बनी हुई है. नालियां ठीक से काम नहीं कर रही हैं क्योंकि ठेकेदारों का पेमेंट नगर निगम ने अभी तक नहीं किया है. ड्रेनेज सिस्टम का हाल किसी से छिपा नहीं है.विकास कार्यो भी प्रभावित है. नगर निगम का कहना है कि उसके पास पैसे की कमी है और उसे कर्जा लेना पड़ रहा है.
बता दें कि अभी हाल ही में बिजली का बिल न जमा करने के चलते नगर निगम के द्वारा लगाई गई शहर में स्ट्रीट लाइटों से बिजली की सप्लाई को बंद कर दिया गया था. शहर की स्ट्रीट लाइट पूरी तरह से बंद होने पर विभागीय मंत्री की दखल के बाद इसे दोबारा से चालू किया गया था. गौरतलब है कि नगर निगम पहले से ही कर्जे में है और जनता से टैक्स के रूप में मोटी रकम भी वसूल रही है लेकिन सुविधाएं नहीं दे पा रही हैं.