नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य संगठनों की ओर से रविवार (नौ अक्टूबर) को पूर्वी दिल्ली में आयोजित ‘विराट हिंदू सभा’ के कई कथित वीडियो सामने आए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ऐसे ही एक वीडियो में उत्तर प्रदेश के लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर यह स्वीकारते हुए देखे जा सकते हैं कि 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में उनकी संलिप्तता थी. हालांकि संपर्क करने पर उन्होंने दावा किया कि वह लोनी (गाजियाबाद) में हुई हिंसा के बारे में बोल रहे थे.
गौरतलब है कि रविवार के आयोजन में विहिप और भाजपा के कई नेता शामिल हुए थे, जहां कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणात्मक भाषण दिए गए थे.
इस दौरान भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कथित तौर पर एक समुदाय के ‘संपूर्ण बहिष्कार’ की बात की थी. सोमवार को दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) आर. सत्यसुंदरम के मुताबिक, ‘पुलिस से अनुमति न लेने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) के तहत आयोजकों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अब तक एफआईआर में किसी भी वक्ता या आयोजक का नाम शामिल नहीं किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि वे अभी आयोजन की वीडियो फुटेज देख रहे हैं.
इस बीच, सोमवार (10 अक्टूबर) को भाजपा विधायक गुर्जर की कई वीडियो क्लिप सामने आईं. एक में उन्हें कहते सुना जा सकता है, ‘हम लोग किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन हमारी बहन-बेटी को छेड़े तो उसे हम छोड़ते भी नहीं… दिल्ली के अंदर सीएए पे दंगा हुआ. तब ये जिहादी हिंदुओं को मारना शुरू किए. तो आप लोग थे… अपने घर में घुसा दिया. हमारे ऊपर आरोप लगा दिया कि हम 2.5 लाख लोग दिल्ली में लेके घुसे. हम तो समझाने के लिए गए थे, लेकिन हम पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया कि हमने जिहादियों को मारने का काम किया. हम जिहादियों को मारेंगे. हमेशा मारेंगे.’
बैठक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक हिंदू युवक मनीष की हत्या के विरोध में आयोजित की गई थी.
मनीष (19 वर्ष) की एक अक्टूबर को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुंदर नगरी इलाके में कथित तौर पर चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने मामले में सभी छह आरोपियों- साजिद, आलम, बिलाल, मोहसिन, शाकिर और फैजान को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कहा था कि घटना पुरानी रंजिश का परिणाम थी.
घटना का हवाला देते हुए गुर्जर को कहते हुए सुना जा सकता है, ‘ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए. अगली बार हम लोनी से 50,000 आदमी लाएंगे. यह बड़ी बात नहीं है. लोनी से 50,000 आदमी आपके लिए आएंगे. वे पहले भी आए थे… जब भी दिल्ली को जरूरत होगी, क्योंकि हम दिल्ली को अलग नहीं मानते हैं.’
गुर्जर आगे कहते सुने जा सकते हैं, ‘दादरी में एक सुअर मारा जाता है, गाय काटने वाला अखलाक, तो वहां सारे के सारे, राहुल गांधी से लेकर अखिलेश और अरविंद केजरीवाल, ऐसे रोते हैं जैसे इनका दामाद मर गया हो… दिल्ली में हत्या में… इनका मुंह नहीं खुलता.’
इस बीच, आयोजकों का कहना है कि उन्होंने आयोजन के बारे में पुलिस को सूचित किया था.
विहिप के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया राज्य प्रमुख इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘पुलिस ने अभी तक हमसे संपर्क नहीं किया है लेकिन एफआईआर का कोई आधार नहीं है. हमने उनकी अनुमति ली थी और उन्हें भाषणों व वक्ताओं के बारे में सूचित भी किया था. यह कोई बंद आयोजन नहीं था और लोगों को आमंत्रण भी भेजे गए थे. यह अवैध कैसे हो सकता है?’
इस बीच, गुर्जर ने कहा है कि वे दिल्ली दंगों के बारे में बात नहीं कर रहे थे, बल्कि लोनी में हिंसा के बारे में बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘मेरी लड़ाई मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ है, जो हर रोज हिंदुओं को मार रहे हैं. मैं दिल्ली में हुए दंगों की बात नहीं कर रहा था. मैं लोनी इलाके की बात कर रहा था कि कैसे हम जिहादियों के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए. मैं अपने बयान के साथ खड़ा हूं.अगर कुछ होता है तो मैं दिल्ली में 50,000 लोग ले जाने के लिए तैयार हूं और इन जिहादियों पर हमला कर दूंगा.’
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से बात करते हुए अपनी सफाई में गुर्जर ने इस बात से इनकार किया कि वह दंगों के दौरान दिल्ली में आए थे.
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में हुए दंगों से मेरा क्या लेना-देना है? मैं वहां नहीं गया. मैंने उस कार्यक्रम में कहा था कि मैं लोनी में 25,000 लोगों के साथ तैयार था, इसलिए यहां कोई दंगा नहीं हुआ, जबकि दिल्ली में दंगे हुए.’
गौरतलब है कि इसी कार्यक्रम में सांसद प्रवेश वर्मा ने मुस्लिमों के संपूर्ण बहिष्कार की बात की थी, तो वहीं महंत नवल किशोर दास ने हिंदुओं से बंदूकें उठाने का आह्वान किया था.
वहीं, एक अन्य वक्ता जगत गुरु योगेश्वर आचार्य ने कहा था कि हमारे मंदिरों को उंगुली दिखाने वालों के हाथ और गला काट दो.