नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दुष्कर्म से संबंधित कानूनों के दुरुपयोग पर टिप्पणी करते हुए बुधवार को कहा कि झूठा मुकदमा दायर करने वाली महिलाओं को दंडित किया जाना चाहिए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने यह टिप्पणी एक महिला द्वारा दिल्ली के युवक पर झूठा मामला दर्ज कराने की बाबत की। दिल्ली के एक कारोबारी से अपनी दुश्मनी निकालने के लिए किसी ने महिला का सहारा लेकर उसके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया।
दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज कराने को लेकर अदालत ने पुलिस को एक शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यह मामला दुष्कर्म के झूठे मामले का एक उदाहरण है, जिसमें व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए व्यक्ति को दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाया जाता है।
न्यायाधीश ने कहा, “यह मामला दुष्कर्म से संबंधित कानूनों के दुरुपयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।”
न्यायाधीश ने कहा, “समय आ गया है कि अदालत महिलाओं द्वारा दायर किए गए ऐसे झूठे मामलों के खिलाफ दृढ़तापूर्वक कार्रवाई करे।”
अदालत ने कहा, “ऐसी महिलाओं को कानून के उपयुक्त प्रावधानों के तहत दंडित किया जाना चाहिए।”
अदालत ने कहा, “यह दुष्कर्म का एक झूठा मुकदमा है, जो अपराध के ग्राफ को बढ़ाकर दिखाने में मदद करता है। ऐसे झूठे मामले दुष्कर्म के वास्तविक मामले को भी महत्वहीन बना देते हैं।”