inspirational and motivational stories Sage’s priceless lesson – प्राचीन काल में एक संत थे। उनका मानना था इंसान को जिस चीज की जरूरत होती है, ईश्वर उसे वह दे ही देता है। वह अपने पास एक कमंडल और रस्सी के अलावा कुछ नहीं रखते थे। वह हमेशा घूमते रहते थे। एक बार वह कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्हें प्यास लगी। कहीं पानी दिखाई नहीं दिया। लाचार होकर वह आगे बढ़े। कुछ दूर जाने पर उन्होंने देखा कि सामने एक कुआं है- पानी से लबालब भरा हुआ!
एक हिरन उसमें से पानी पी रहा था। संत ने सोचा इसमें तो पानी एकदम ऊपर है, इसलिए वह कमंडल और रस्सी छोड़कर कुएं के पास पहुंचे। लेकिन उनके पहुंचने ही कुएं का पानी एकदम से नीचे चला गया। संत हैरान रह गए। उन्होंने इधर-उधर नजरें दौड़ाई पर कहीं कुछ नहीं दिखा। वह सोचने लगे कि आखिर क्या हुआ? उनकी प्यास गायब हो गई। वह चुपचाप खड़े होकर देखने लगे कि माजरा क्या है। तभी कहीं से आवाज आई, ‘तुम हैरान क्यों होते हो? हिरन के पास कमंडल और रस्सी नहीं थी, इसलिए हमने खुद पानी को उसके नजदीक कर दिया। लेकिन तुम्हारे पास तो कमंडल और रस्सी है, इसलिए पानी को नीचे कर दिया’।
संत को इस पर बड़ा क्रोध आया। उन्होंने कमंडल और रस्सी को दूर फेंक दिया और पानी पिए बिना वहां से चलने को हुए। इतने में फिर से आवाज आई, ‘अरे कहां जा रहे हो? हमने तो तुम्हारे सब्र की परीक्षा ली थी। जाओ और पानी पियो। तुमने तो हमें भी झुका दिया। तुम्हारे पास एक कमंडल और रस्सी थी, तुमने उसका भी मोह छोड़ दिया। तुम किसी भी सहारे के बगैर जी सकते हो, यह यकीन ही तुम्हारी ताकत है। सबके पास यह ताकत नहीं होती और न ही ऐसी हिम्मत होती है।’ संत समझ न सके यह सपना है या हकीकत, लेकिन उनमें एक नया आत्मविश्वास भर चुका था।