मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल संभाग के सीहोर जिले में लापता पटवारी का शव मिल गया है लेकिन तहसीलदार अभी भी लापता है। 15 अगस्त की रात पार्टी करने के लिए अपने दोस्त के फार्म हाउस की तरफ निकले थे। उनकी कार सीवन नदी में तैरती हुई मिली है।
मंडी थाने में दर्ज गुमशुदा इंसान रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार सुबह शाजापुर जिले की तहसील मोहनपुर बढ़ोदिया में पदस्थ तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर और सीहोर जिले की नसरुल्लागंज तहसील में पदस्थ पटवारी महेन्द्र रजक लापता हैं। इसकी सूचना पुलिस को तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर के बेटे पुष्पेन्द्र सिंह ठाकुर ने दी। बताया कि सोमवार की रात को तहसीलदार और पटवारी अपने दोस्त महेन्द्र शर्मा व राहुल आर्य के साथ पार्टी करने रफीकगंज स्थित दोस्त तरुण सिंह के फार्म हाउस पर गए थे। तहसीलदार और पटवारी एक कार में सवार थे जो अभी तक नहीं लौटे हैं।
मंडी थाना पुलिस सर्चिंग में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि करबला पुल से इंदौर नाका के पास एक पेट्रोल पंप पर कार जाते हुए सीसीटीवी में कैद हुई है, वहीं गणेश मंदिर के सीसीटीवी में कार आते हुए नहीं दिखी, जिससे संभावन के तौर पर करबला पुल के पास सीवन नदी में NDRF का दल मंगलवार की शाम नदी में तलाश करता रहा, लेकिन कुछ पता नहीं चला है।
वहीं काहिरी में भी पुलिस और होमगार्ड के जवान सर्चिंग कर रहे हैं। बीती रात को तेज बरसात से नदी नाले उफान पर थे, इसलिए संभावना जताई जा रही थी कि दोनों नदी में बाढ़ का शिकार हो गए होंगे। बुधवार की सुबह खबर मिली है कि उनकी कार नदी में तैरते हुए मिल गई है। पटवारी महेंद्र रजक का शव भी मिल गया है। स्पष्ट हो गया है कि दोनों बाढ़ का शिकार हुए हैं। तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर की तलाश की जा रही है।