राजस्थान का जालोर कस्बा,एक मासूम दलित छात्र इंद्र कुमार जो अब सिर्फ तारीख बन कर रह गया है सरस्वती विद्या-मंदिर के इस मासूम को उसके शिक्षक ने सिर्फ इसलिए बेरहमी से मारा क्योंकि बच्चे ने उस पानी के घड़े से पानी पी लिया था जिससे शिक्षक पानी पीता था.आखिर हम आजादी के 75 वर्ष बाद भी कहाँ खड़े हैं कब हटेगा छुआछूत का भाव,मानव में भेदभाव कब समानता में बदलेगा आखिर कब ?हम विश्वगुरु बनने के प्रयास में हैं लेकिन पाशविकता में सबको पीछे छोड़ रहे हैं,हमारे राजनैतिक अगुआ बड़ी डींगें मारते हैं लेकिन धरातल के काँटों को हटाने का प्रयास वे नहीं करते आखिर उन्हें हवा में जो उड़ना है.
Jalore News : टीचर का काम हर छात्र को बेहतर शिक्षा देकर उसे बेहतर नागरिक बनाना है, लेकिन राजस्थान ( Rajasthan ) के जालोर ( Jalore ) से जो घटना सामने आई है वो दिल दहलाने और सदमे में डालने वाली है। दरअसल, छोटी सी बात पर जिस दलित मासूम ( Dalit student ) की बेरहमी से टीचर ने पिटाई की, उसकी शनिवार को मौत हो गई। इस मामले में जालोर पुलिस ने टीचर को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद से जालोर में हर कोई हैरान है। सभी का परेशान होना भी स्वभाविक है। इस मसले पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोला है।
फिलहाल, इस मामले की जांच जालोर के एसपी कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि परिजन की तहरीर पर टीचर के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट और धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है। जालोर पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार ( teacher arrested ) कर लिया है। टीचर छैल सिंह के खिलाफ धारा 302 और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
टीचर ने इतनी बेरहमी से मासूम छात्र (Dalit student killed ) की पिटाई की थी कि बच्चे की कान की नस फट गई और उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन बच्चे को लेकर गुजरात के अस्पताल गए लेकिन उसकी जान नहीं बची। अफसोस की बात यह है कि परिजन बच्चे के इलाज के लिए 25 दिन तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटकते रहे, लेकिन किसी ने बच्चे और उसके माता-पिता की तरफ सहयोग करने के मकसद से हाथ नहीं बढ़ाया। यहां तक कि आरोपी टीचर ने भी कोई मदद नहीं की और बच्चे की मौत हो गई।
सुराणा निवासी मासूम के माता-पिता का कहना है कि गांव में ही सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल है। यहां उनका बच्चा इंद्र कुमार नौ साल तीसरी कक्षा का स्टूडेंट था। चाचा किशोर कुमार मेघवाल ने सायला पुलिस थाने में शिकायती पत्र दिया है। उन्होंने बताया कि बच्चा इंद्र कुमार 20 जुलाई को स्कूल में पढ़ने गया था, वहां उमस और गर्मी की वजह से प्यास लगी और आसपास पानी नहीं दिखा तो उसने एक घड़े में रखा पानी गिलास में भरा और पी लिया। पानी का ये घड़ा टीचर छैल सिंह के लिए अलग से रखा हुआ था। बच्चे बताते हैं कि इस घड़ा से किसी को पानी पीने की इजाजत नहीं थी। घड़े के पानी को सिर्फ टीचर छैल सिंह ही पीता था।
परिजनों का कहना है कि बेटे इंद्र कुमार ने गलती से पानी पी लिया था, लेकिन जैसे ही टीचर छैल सिंह को पता चला तो उसने बच्चे को बुलाया और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। उसके बाद मासूम की बेरहमी से पिटाई की। बच्चे को इतना पीटा कि उसके दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आईं। बाद में छात्र ने घर पहुंचकर पिता को घटना की जानकारी दी। परिजन ने पिता देवाराम मेघवाल ने बताया कि बताया कि पहले सोचा था कि थोड़ी चोट लगी होगी। इसलिए पिता बच्चे के लिए चुराना के एक मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर आय। फिर पहले बच्चे को जालोर के जिला अस्पताल लेकर गए। वहां से उदयपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया। ज्यादा दर्द होने पर उसे उदयपुर लेकर गए। वहां डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए तो अहमदाबाद के सिविल अस्पताल उपचार में लेकर पहुंचे लेकिन 13 अगस्त की शाम चार बजे इंद्र कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई।