नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु में वाद्ययंत्रों के साथ गीत गाकर कहानी कहने की अनोखी और प्राचीन परंपरा की झलक शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देखने को मिलेगी।
विश्व के विभिन्न हिस्सों में कहानी कहने की अलग-अलग परंपरा के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, निवेश इंडिया के साथ मिलकर ‘कथाकार-इंटरनेशनल स्टोरीटेलर्स फेस्टिवल’ का आयोजन कर रहा है।
फेस्टिवल में भारत सहित हंगरी, स्वीडन और ब्रिटेन के पारंपरिक कथाकार अपनी कलाओं का प्रदर्शन करेंगे।
कहानी कहने की ‘विल्लुपत्तु’ शैली, गुजरात की ‘बैठक नी भावई’ लोक रंगमंच शैली का प्रदर्शन इस आयोजन में देखने को मिलेगा।
स्वीडन की कथाकार एमिली पैरिश यूरोप, भारत और अफ्रीका की लोक कथाएं तथा ब्रिटेन की सारा रुं डले सिल्क रूट (रेशम मार्ग) की लोक कथाएं प्रस्तुत करेंगी।
इंफाल (मणिपुर) की नमेराकपम इबेमनी देवी 1891 में मणिपुरी लोगों की अंग्रेजों के साथ हुई लड़ाई की कहानी ‘खोंगजोम पर्वा’ के रूप में पेश करेंगी।