नई दिल्ली: क्या विश्व प्रसिद्ध ताज महल की नींव कमजोर हो रही है? क्या ताज महल की नींव को किसी तरह का कोई ख़तरा है? केंद्र सरकार ने इन सवालों के जवाब दिए हैं. केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि यमुना नदी पर बांध के अभाव के चलते ताजमहल (Taj Mahal) की नींव की स्थिरता को कोई खतरा नहीं है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) नियमित रूप से इसकी निगरानी कर रहा है तथा स्मारक अच्छी तरह संरक्षित है. राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जल शक्ति राज्यमंत्री बिश्वेश्वर टूडू ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘एएसआई द्वारा सूचित किया गया है कि ताजमहल की नींव की स्थिरता को कोई खतरा नहीं है. एएसआई द्वारा यह सूचित किया गया है कि इस संबंध में नियमित रूप से निगरानी की जा रही है और स्मारक अच्छी तरह संरक्षित है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यमुना नदी पर आगरा में ताज महल के 1.5 किलोमीटर अनुप्रवाह में एक रबड़ बांध के निर्माण से संबंधित एकमात्र बांध परियोजना है और इसके लिए छह विभागों या मंत्रालयों से अनुमति अपेक्षित है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना को भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और ताज ट्रेपेजियम क्षेत्र प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त हो गई है. उन्होंने कहा कि हालांकि लखनऊ स्थित राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण ने अभी तक अनुमति प्रदान नहीं की है और इस कारण मार्च 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से मांगी गई अनुमति भी जारी नहीं की गई है.
टूडू ने कहा कि बांधों का निर्माण राज्य सरकारों द्वारा उनकी प्राथमिकताओं और निधि की उपलब्धता के अनुसार योजनाबद्ध, वित्त पोषित एवं कार्यान्वित होता है. उन्होंने कहा कि इसमें भारत सरकार की भूमिका एक प्रेरक होने की है और जल शक्ति मंत्रालय की जारी योजनाओं के तहत चुनिंदा परियोजनाओं को तकनीकी और आंशिक वित्तीय सहायता मुहैया करवाने तक सीमित है.