नई दिल्ली– भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन.वी. रमना ने कहा कि सत्ता में बैठे राजनीतिक दल का मानना है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है और विपक्ष को उम्मीद है कि न्यायपालिका अपने राजनीतिक पदों को आगे बढ़ाएगी। हालांकि, यह केवल न्यायपालिका है जो संविधान के प्रति जवाबदेह है। सीजेआई शुक्रवार को सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडियन अमेरिकन्स द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि सरकार बदलने से नीतियां बदलती हैं, हालांकि कोई भी समझदार सरकार अपने क्षेत्र के विकास को धीमा करने के लिए नीतियों में बदलाव नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, जब भी सरकार बदलती है, हम भारत में ऐसी संवेदनशीलता और परिपक्वता को अक्सर नहीं देखते हैं।”
सीजेआई ने कहा, “जैसा कि हम इस वर्ष स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं, तो कुछ अफसोस के साथ मुझे यहां यह जोड़ना चाहिए कि हमने अभी भी प्रत्येक संस्थान को संविधान द्वारा सौंपी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियोंकी पूरी तरह से सराहना करना नहीं सीखा है।”
उन्होंने कहा कि सत्ता में मौजूद पार्टी का मानना है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है। विपक्षी दल न्यायपालिका से अपने राजनीतिक पदों और कारणों को आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।
न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि इस तरह की विचार प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र की समझ की कमी से पैदा होती है।