नई दिल्ली-गुरुवार को प्रतिष्ठित संतूर वादक भजन सोपोरी (73) का गुरुग्राम के एक अस्पताल में कोलन कैंसर के कारण निधन हो गया. परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी.
सोपोरी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे सौरभ तथा अभय हैं. दोनों पुत्र भी संतूर वादक हैं.
उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट में किया जाएगा.
अभय ने बताया, ‘उन्हें पिछले साल जून में कोलन कैंसर होने का पता चला था. हमने उन्हें तीन हफ्ते पहले इम्यूनोथेरेपी उपचार के लिए गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया था. यह कारगर नहीं रहा और उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया.’
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अभय ने कहा, ‘वे एक महान इंसान थे, एक महान संगीतकार और बहुत प्यारे पिता थे. उनकी विरासत बहुत विशाल है और उनकी जगह लेना बेहद मुश्किल…’
उन्होंने यह भी कहा कि कला और सांस्कृतिक क्षेत्र के लिए यह साल बेहद ख़राब रहा है.
कश्मीर के परंपरागत संतूर वादक सोपोरी सूफियाना घराने से आने वाले भजन सोपोरी को उनके करिअर में कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया. इनमें 2004 में पद्मश्री, 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2016 में जम्मू कश्मीर स्टेट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड शामिल हैं.
सोपोरी ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत सीखा था और हिंदुस्तानी संगीत अपने पिता और दादा से सीखा था.
उनके निधन पर कई कलाकारों ने शोक व्यक्त किया है. सरोद वादक अमान अली खान ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘क्या कहूं… इतने सरे संगीतकार चले गए. यह साल संगीत बिरादरी के लिए स्याह रहा है. मैं अभय को जनता हूं, उम्मीद है कि वो इस परंपरा को आगे ले जाएंगे. कुछ दिन पहले पंडित शिवकुमार शर्मा चले गए, अब भजन जी… वे वरिष्ठ संगीतकारों ने से एक थे. जगहें खाली होती जा रही हैं. हमने कितने नगीनों को खो दिया. मैं उनके परिवार के लिए प्रार्थना करूंगा.’
स्पिक मैके की संस्थापक दिव्या सेठ ने भी उनके निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा, ‘पंडित भजन सोपोरी के गुजरने के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. वे न केवल एक प्यारे संगीतकार थे बल्कि एक खूबसूरत व्यक्तित्व के मालिक भी थे. मैं उनकी प्यारी मुस्कान और संगीत को नहीं भूल सकती. वह परफॉर्म करने के लिए दूर-दराज के स्थानों पर गए और स्पिक मैके आंदोलन में उनका बड़ा योगदान था. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.’