चेन्नई- ISTकीपॉक्स वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारतीय कंपनी को बड़ी सफलता मिली है। चेन्नई स्थित चिकित्सा उपकरण कंपनी ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने कहा है कि उसने मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए एक रीयल-टाइम आरटी-पीसीआर-किट विकसित की है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि मंकीपॉक्स RT-PCR किट चार रंगों की फ्लोरोसेंस आधारित किट है, जो एक-ट्यूब सिंगल रिएक्शन फॉर्मेट में चेचक और मंकीपॉक्स के बीच अंतर कर सकती है। कंपनी ने कहा कि टेस्ट किट में वायरस यदि मौजूद है तो पता लगाने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है। कंपनी ने आगे कहा कि VTM (वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया) में ड्राई स्वैब और को टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स की प्रयोगशाला पुष्टि के लिए त्वचा के घाव की सामग्री, स्वाब घाव की पपड़ी जैसे सैंपल लेने की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया भर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ गए हैं, जिससे 20 देशों में संक्रमणों की कुल संख्या 200 हो गई है। हालांकि भारत में अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन ICMR के अधिकारियों ने कहा कि भारत की पूरी तैयारी है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा है कि यदि किसी मरीज में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखे तो उसे तुरंत आइसोलेट कर लें।