भोपाल-मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे! सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से ऊपर न हो। कोर्ट ने एक हफ्ते में चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश भी दिए। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की ओबीसी आरक्षण संबंधी विस्तृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया। सरकार के वकीलों की ओर से लगभग दो घंटे तक ओबीसी आरक्षण के पक्ष में दलील दी गई। कोर्ट ने ओबीसी के लिए आरक्षण तय करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में और जानकारी मांगी थी। पिछड़ा वर्ग को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट कराया गया।
ओबीसी की आबादी, मतदाताओं की स्थिति, प्रतिनिधित्व आदि का विश्लेषण करके सरकार को प्रथम प्रतिवेदन भी सौंप दिया गया था। इसमें कुल मतदाताओं में ओबीसी 48 प्रतिशत बताए गए। इसके आधार पर सरकार से ओबीसी को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की गई। सुप्रीम कोर्ट में आयोग ने यही रिपोर्ट प्रस्तुत की थी लेकिन यह जिलेवार थी। इसे अधूरा ट्रिपल टेस्ट मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करने के आदेश दे दिए और कहा कि ट्रिपल टेस्ट पूरा हुए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।