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 समाज में हैं तीन प्रकार के मनुष्य: रामकृष्ण रामकृष्ण परमहंस | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

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समाज में हैं तीन प्रकार के मनुष्य: रामकृष्ण रामकृष्ण परमहंस

March 20, 2022 9:27 am by: Category: धर्म-अध्यात्म Comments Off on समाज में हैं तीन प्रकार के मनुष्य: रामकृष्ण रामकृष्ण परमहंस A+ / A-

एक बार रामकृष्ण परमहंस अपने कुछ शिष्यों के साथ टहलते हुए नदी किनारे पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि कुछ मछुआरे मछलियां पकड़ रहे थे। अपने शिष्यों को नदी के निकट ले जाकर परमहंस जी बोले, ”देख रहे हो, जाल में फंसी इन मछलियों को।”

वहां जाल में कई मछलियां फंसी हुई थीं जिनमें से कुछ तो निश्चेष्ट पड़ी थीं। निकलने का कोई प्रयास नहीं कर रही थीं। उन्हीं में से कुछ मछलियां निकलने का प्रयास तो कर रही थीं लेकिन निकल नहीं पा रही थीं। उन्हीं में से कुछ ऐसी थीं जो अपने प्रयास में कामयाब हो गईं और वापस जल में तैरने लगीं।

परमहंसदेव अपने शिष्यों से बोले, ”जिस तरह इस जाल में तीन प्रकार की मछलियां हैं, उसी तरह मनुष्य भी तीन प्रकार के होते हैं।

पहले वे जिन्होंने सांसारिकता के बंधन को स्वीकार कर लिया है और इसी में मरने-खपने को तैयार हैं। ऐसे लोग इस मायाजाल से निकलने की कोशिश तक नहीं करते हैं। दूसरे वे जो कोशिश तो करते हैं, लेकिन मुक्तिबोध तक नहीं पहुंच पाते। तीसरे वे जो कोशिश भी करते हैं और अपने चरम लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब हो जाते हैं।”

तभी एक शिष्य बोला, ”गुरुदेव! एक और प्रकार के लोग होते हैं जिनके बारे में आपने नहीं बताया?”

परमहंस जी बोले, ”हां, चौथे प्रकार के लोग वे महान आत्माएं होती हैं जो इस मायाजाल के निकट ही नहीं आती। फिर उनके फंसने का प्रश्र ही नहीं उठता।”

समाज में हैं तीन प्रकार के मनुष्य: रामकृष्ण रामकृष्ण परमहंस Reviewed by on . एक बार रामकृष्ण परमहंस अपने कुछ शिष्यों के साथ टहलते हुए नदी किनारे पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि कुछ मछुआरे मछलियां पकड़ रहे थे। अपने शिष्यों को नदी के निकट ले एक बार रामकृष्ण परमहंस अपने कुछ शिष्यों के साथ टहलते हुए नदी किनारे पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि कुछ मछुआरे मछलियां पकड़ रहे थे। अपने शिष्यों को नदी के निकट ले Rating: 0
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