भोपाल-मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को राजधानी भोपाल स्थित राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) के एक प्रोफेसर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच का निर्देश दिया.
उत्तर प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर कुमार सक्सेना और भोपाल के पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर को संबंधित प्रोफेसर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
चौहान ने यह भी कहा कि एक महिला पुलिस अधिकारी को भी जांच में शामिल किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कों और लड़कियों के साथ ‘दुर्व्यवहार’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो इस मामले पर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ भी चर्चा की जाएगी.
एनएलआईयू के एक प्रोफेसर द्वारा लड़कियों के साथ कथित दुर्व्यवहार करने और उसके बाद विद्यार्थियों के विरोध की खबरों पर संज्ञान लेते हुए चौहान ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तलब किया और मामले की जांच करने का निर्देश दिया.
एनएलआईयू के डीन प्रोफेसर तपन मोहंती के खिलाफ शिकायत करने के लिए छात्रों के एक समूह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. बैठक में डीजीपी सुधीर सक्सेना और पुलिस कमिश्नर मकरंद देवस्कर भी मौजूद थे.
मोहंती ने निजी कारणों का हवाला देते हुए बीते 10 मार्च को विश्वविद्यालय से अपना इस्तीफा दे दिया और अधिकारियों ने इसे स्वीकार कर लिया. लेकिन कुछ घंटों बाद उन्होंने एनएलआईयू को पत्र लिखकर कहा कि वह इस्तीफा वापस लेना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने छात्रों के दबाव में ऐसा किया था. उन्होंने कहा, ‘ये बेबुनियाद आरोप हैं.’
विश्वविद्यालय ने अभी तक उनके इस्तीफे के आवेदन का जवाब नहीं दिया है. एनएलआईयू की रजिस्ट्रार नीता गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय मामले की जांच कर रहा है.
एनएलआईयू के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार ने कहा, ‘हमें प्रोफेसर तपन मोहंती का इस्तीफा मिला और इसे स्वीकार कर लिया. बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने के अनुरोध के साथ एक और पत्र लिखा. हम जवाब देने से पहले इसकी वैधता की जांच कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें उनके खिलाफ किसी छात्र की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है. चूंकि उन्होंने अपने दम पर इस्तीफा दिया, एनएलआईयू ने इसे स्वीकार कर लिया. मैं उनके त्याग-पत्र की सामग्री का खुलासा नहीं कर सकता, क्योंकि यह एक आंतरिक मामला है.’
इधर, मोहंती ने कथित तौर पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाने के आरोप में दो महिलाओं सहित पांच छात्रों के खिलाफ रतीबाद पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.
ऑफलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू किए बमुश्किल एक सप्ताह हुआ है और यह विवाद छिड़ गया.
छात्रों का आरोप है कि मोहंती कई सालों से लड़कियों को प्रताड़ित कर रहे हैं. एनएलआईयू के छात्र बार एसोसिएशन के अध्यक्ष निपुण निकेत ने कहा, ‘यह एक गंभीर मामला है. हमने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और 15 मिनट की बैठक के दौरान उन्होंने जांच का वादा किया और डीजीपी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया.’
इस बीच छात्रों का मोहंती से उनके चेंबर में मिलने का एक वीडियो वायरल हो गया है. इसमें कथित तौर पर छात्रों को उनके इस्तीफे की मांग करते हुए दिखा जा सकता है. वीडियो में वह कह रहे हैं, ‘ऐसा नहीं होना चाहिए’, जिस पर छात्र जवाब देते हैं, ‘सर, आपने पिछले 20 वर्षों में जो किया, वह नहीं होना चाहिए था.’
मोहंती कहते हैं, ‘बस मुझे कुछ समय दो.’’ उसके बाद छात्रों को कहते सुना जा सकता है, ‘हमने आपको पर्याप्त समय दिया है. कृपया अभी चले जाइए… बहुत सम्मानपूर्वक, सर कृपया छोड़ दें.’
मोहंती ने कहा कि कुछ लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘छात्र ऐसे लोगों से प्रभावित हो रहे हैं. मैं 22 साल से एनएलआईयू के साथ काम कर रहा हूं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि छात्रों को क्या हो गया है. कुछ लोग मेरे पीछे हैं और वे मेरी जिंदगी खराब करना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा कि कुछ छात्रों ने उन्हें धमकी दी. मोहंती ने कहा, ‘चूंकि मैं डर गया था, मुझे इस्तीफा देना पड़ा. बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे इस्तीफा नहीं देना चाहिए, क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं.’
एनएलआईयू की रजिस्ट्रार नीता गुप्ता ने कहा, ‘विश्वविद्यालय इसकी जांच कर रहा है. चूंकि यह आंतरिक मामला है, इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकती.’
निकेत ने कहा, ‘हमने प्रोफेसर मोहंती के खिलाफ कोई लिखित शिकायत नहीं की है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम ऐसा करेंगे. छात्रों को अपने खिलाफ प्रोफेसर मोहंती द्वारा दर्ज की गई किसी भी पुलिस शिकायत के बारे में कोई जानकारी नहीं है.’