शिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि
1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए।
2. शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप इस दिन करना चाहिए।
3. शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है।
1 मार्च 2022, दिन मंगलवार को महाशिवरात्रि का त्योहार है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। कहते हैं कि भोले शंकर तो भाव के भूखे हैं। वो अपने भक्तों के भाव से ही प्रसन्न हो जाते हैं। आप भी इस महाशिवरात्रि भोले शंकर को करें प्रसन्न करें।
शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है और शिव का अर्थ है– कल्याणकारी और-लिंग का अर्थ है सृजन, सर्जनहार के रूप में-लिंग की पूजा होती है. संस्कृत में—लिंग का अर्थ है प्रतीक। भगवान शिव अनंत काल के प्रतीक हैंआ मान्यताओं के अनुसार, लिंग-एक विशाल लौकिक अंडाशय है, जिसका अर्थ है ब्रह्माण्ड, इसे ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है।