लखनऊः मध्य प्रदेश के भिंड जिले की पुलिस ने ऑनलाइन गांजा बिक्री रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद शनिवार को अमेज़ॉन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
आरोप है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेज़ॉन के जरिये स्वीटनर बेचने की आड़ में नशीले पदार्थ बेचे जा रहे थे.
पुलिस का कहना है कि उन्होंने नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में अमेज़ॉन की स्थानीय इकाई के वरिष्ठ अधिकारियों पर नारकोटिक्स कानून के तहत मामला दर्ज किया है.
मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले में 20 किलोग्राम गांजे के साथ 14 नवंबर को दो लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस को पता चला था कि ये लोग नशीले पदार्थ की तस्करी कर इन्हें अन्य राज्यों में भेजने के लिए अमेज़ॉन का इस्तेमाल कर रहे थे.
राज्य पुलिस ने जारी बयान में कहा कि अमेज़ॉन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत आरोपित बनाया गया है.
पुलिस का कहना है कि उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों और बातचीत के जरिये सामने आए तथ्यों में अंतर था. हालांकि, पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया है कि अमेज़ॉन के कितने अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं.
पुलिस ने इससे पहले मामले में अमेज़ॉन के कार्यकारी अधिकारियों को तलब कर उनसे पूछताछ की थी. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तकरीबन 1,48,000 डॉलर में लगभग 10,000 किलोग्राम गांजे को अमेज़ॉन के जरिये बेचा गया.
अमेज़ॉन ने इससे पहले बयान में कहा था कि वह अपने प्लेटफॉर्म के जरिये अवैध उत्पादों की बिक्री की इजाजत नहीं देता है और वह इस मामले में जांच में सहयोग कर रहा है.
अमेज़ॉन ने कहा, ‘यह मामला हमारे सामने आया और हम इसकी जांच कर रहे हैं.’
भिंड के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि देश में एएसएसएल के तौर पर काम करने वाली अमेज़ॉन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांसेस (एनडीपीएस) एक्ट की धारा 38 के तहत मामला दर्ज किया गया है.