नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्यापार के लिए बेहतर माहौल मुहैया कराने का आश्वासन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा देश में चार अरब डॉलर के निवेश की घोषणा के बाद भारत तथा अमेरिका के बीच व्यापार का लंबा फासला तय करने का रास्ता खुल गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को अमेरिका-भारत व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा, “अगले दो सालों में हमारा आयात निर्यात बैंक (ईएक्सआईएम) भारत को एक अरब डॉलर का अमेरिका में बनी वस्तुओं के आयात का समर्थन करेगा। यह भारत भर में लघु तथा मध्यम आकार के व्यापार को एक अरब डॉलर से ज्यादा राशि का कर्ज देगा। और हमारी अमेरिकी व्यापार और विकास एजेंसी भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश करेगी।”
अन्य कदमों की चर्चा करते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका भारत को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी तथा बेहतर सड़कों के निर्माण में सहायता के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “हमें इस बात को सुनिश्चित करने की जरूरत है कि भारत तथा अमेरिका का आर्थिक विकास समावेशी हो। प्रवासी निवेश पहल भी भारत के लिए मददगार होगा।”
ओबामा ने कहा, “भारत को अमेरिकी निर्यात लगभग 35 फीसदी है। हमारे देश में भी भारतीय निवेश में बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय निवेश से अमेरिका में रोजगारों का सृजन हो रहा है। हमारे बीच प्रगाढ़ होते व्यापार संबंध भी भारत के लिए शुभ संकेत है। संबंधों से दोनों देशों के कामगार लाभान्वित हो रहे हैं।”
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य को ऐसी नीतियों से संचालित होना चाहिए, जो अधिक निवेश आकर्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के छह महीने के कार्यकाल के दौरान ही अमेरिकी निवेश में 50 फीसदी का उछाल आया है।
मोदी ने यहां आयोजित अमेरिका-भारत बिजनेस समिट में कहा, “राज्य नीति संचालित होना चाहिए। इससे निवेश में मदद मिलेगी। देश में निवेश लाने के लिए स्थिरता एक अन्य बहुत महत्वपूर्ण पक्ष है। इनसे कई समस्याएं सुलझ जाएंगी।”
मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधोसंरचना और कृषि में भारी निवेश से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
उन्होंने कहा, “हम सही रास्ते पर हैं। आर्थिक विकास में वृद्धि दर्ज की गई है। दुनिया के प्रमुख देशों के मुकाबले भारत में व्यापार का माहौल सर्वोच्च स्तर पर है। उपभोक्ता माहौल तीन साल के बाद सकारात्मक दर्ज किया गया है।”
मोदी ने कहा, “अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख सेक्टरों का विकास तेजी से बढ़ा है। महंगाई पांच साल के निचले स्तर पर है। पिछले चार महीनों में 11 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं। मेरी सरकार के छह माह के कार्यकाल में ही अमेरिकी निवेश 50 फीसदी बढ़ा है।”
बौद्धिक संपदा अधिकार का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सभी पक्षों को मिलकर हल करना होगा। उन्होंने कहा, “हमने एक कार्यकारी समूह गठित किया है जो इस मुद्दे पर चर्चा करेगा।”
ओबामा की ओर रुख करते हुए मोदी ने कहा कि अब इनके सहयोग से “हम अपनी प्रतिबद्धताओं को ठोस भविष्य में बदलेंगे।”
अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने भारत के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के साथ मिलकर इस सम्मेलन को आयोजित किया।