पणजी- गोवा भाजपा ने मंगलवार को कहा कि राज्य के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मर्यादा की सीमाओं को लांघ दिया है और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार के बारे में प्रतिकूल टिप्पणी की है। पार्टी ने उनसे संवैधानिक पद से इस्तीफा देने का आग्रह किया है।
मेघालय के राज्यपाल ने सोमवार को एक राष्ट्रीय समाचार चैनल से बात करते हुए गोवा में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर महामारी के समय भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था।
गोवा भाजपा के प्रदेश महासचिव दामू नाइक ने मंगलवार को पणजी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुझे मलिक से केवल यह कहना है कि संवैधानिक पद पर रहते हुए मेरी सरकार की आलोचना न करें। पहले इस्तीफा दें और फिर जो चाहें कहें।
नाइक ने आगे कहा, राज्यपाल का पद धारण करने वाले व्यक्ति ने असंवैधानिक तरीके से व्यवहार किया है। वह वर्तमान में राज्यपाल (मेघालय के) के पद पर काबिज हैं। उन्होंने असंवैधानिक व्यवहार किया है और लगातार गालियां दी हैं। यह गलत है। अगर कुछ गलत था, तो राज्यपाल को गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजनी चाहिए थी।
नाइक की यह टिप्पणी ऐसे दिन आई है, जब गोवा में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने मलिक के बयान पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के इस्तीफे की मांग की है।
मलिक ने कहा था कि गोवा में सब कुछ में भ्रष्टाचार स्पष्ट है। उन्होंने राज्य सरकार पर पिछले साल तालाबंदी के दौरान राज्य के लोगों को राशन सौंपने में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया था।
तृणमूल कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेताओं ने भी राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन से सावंत के नेतृत्व वाली कैबिनेट को बर्खास्त करने का आग्रह किया। यहां तक कि आप कार्यकर्ताओं को पणजी में विरोध प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार किया गया।
नाइक ने हालांकि दावा किया कि विपक्ष द्वारा की गई मांगें निराधार थीं और मलिक की टिप्पणियों के पीछे एक साजिश थी।