जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर सुरक्षाबलों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सैंकड़ों ऐसे संदिग्धों को हिरासत में लिया है जिनपर आतंकियों की मदद और सहानुभूति रखने का आरोप है. जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों आम नागरिकों की हत्याओं का दौर शुरू हुआ, जिसमें शिक्षक, रेहड़ी लगाने वाले और टैक्सी स्टैंड यूनियन के अध्यक्ष समेत कई बेगुनाहों को मार डाला गया.
पिछले एक हफ्ते में आतंकवादियों ने सात आम नागरिकों की हत्या की है. आम नागरिकों की हत्या के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर में ऑपरेशन शुरू किया है. मरने वालों में कश्मीरी पंडित, सिख और मुस्लिम समुदाय के सदस्य थे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हिरासत में लिए गए लोगों में से कई के प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी समूह के साथ संबंध होने का संदेह है या वे संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की लिस्ट में हैं जो कि दक्षिण कश्मीर के अन्य इलाके समेत श्रीनगर, गांदरबल और बड़गाम से आते हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के आतंकवादी समूहों से संबंध होने का संदेह है. एक अधिकारी ने एएफपी को बताया, “हत्यारों को खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.”
एएफपी ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि कश्मीर में इस साल अब तक कुल 29 नागरिकों की गोली मारकर हत्या की गई है.
रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के 16 स्थानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी वॉयस ऑफ हिंद के प्रकाशन और आईईडी की बरामदगी के मामले में की गई थी. वहीं श्रीनगर के 40 शिक्षकों को भी पूछताछ के लिए समन किया गया. वॉयस ऑफ हिंद पर भड़काऊ सामग्री प्रकाशित करने का आरोप है.