Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हुए टीकाकरण में फ़र्ज़ीवाड़ा, बिना टीका लगे बंटे प्रमाणपत्र | dharmpath.com

Sunday , 24 November 2024

Home » धर्मंपथ » प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हुए टीकाकरण में फ़र्ज़ीवाड़ा, बिना टीका लगे बंटे प्रमाणपत्र

प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हुए टीकाकरण में फ़र्ज़ीवाड़ा, बिना टीका लगे बंटे प्रमाणपत्र

September 30, 2021 8:36 am by: Category: धर्मंपथ Comments Off on प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हुए टीकाकरण में फ़र्ज़ीवाड़ा, बिना टीका लगे बंटे प्रमाणपत्र A+ / A-

नई दिल्लीः द कारवां की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन कोरोना टीकाकरण की रिकॉर्ड संख्या के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया.

कारवां के पत्रकारों ने विभिन्न राज्यों के लोगों के हवाले से रिपोर्ट में बताया कि कई लोगों को 17 सितंबर को कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र मिला जबकि वे टीका पहले लगवा चुके थे या कई लोगों को कोरोना की दूसरी खुराक का प्रमाणपत्र मिला जबकि असल में उन्हें दूसरी डोज लगी ही नहीं थी.

इससे पहले ऐसे आरोपों की जांच स्क्रोल वेबसाइट ने की थी. स्क्रोल ने विशेष रूप से बताया था कि बिहार में कई टीकाकरण केंद्रों पर अधिकारियों ने 15 और 16 सितंबर को लोगों को टीका लगाया लेकिन इसके डेटा को 17 सितंबर को कोविन पोर्टल पर अपलोड किया गया.

कोविन पोर्टल के डेटा से पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर देश में 2.5 करोड़ से अधिक कोरोना के टीके लगाए गए थे लेकिन 17 सितंबर से अगले सात दिनों के भीतर कोरोना के टीके लगाने की औसत दैनिक संख्या कम होकर लगभग 76 लाख हो गई. इससे संदेह पैदा हुआ कि 17 सितंबर को या तो सप्लाई या फिर मांग या फिर दोनों में कुछ गड़बड़ थी.

कारवां के मुताबिक, हुसैन बाजी को 17 सितंबर को कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र मिला जबकि उन्हें टीका लगाया ही नहीं गया. उन्हें गुजरात में उनके गृहनगर दाहोद के एक टीकाकरण केंद्र से प्रमाणपत्र जारी किया गया.

बाजी ने कहा, ‘यह अजीब है. क्या मुझे दूसरी डोज वड़ोदरा में लगी थी लेकिन प्रमाणपत्र में कहा गया है कि दूसरी डोज मेरे गृहनगर दाहोद में लगी लेकिन मैं वहां था ही नहीं.’

उन्होंने दावा किया कि उनके जान-पहचान वाले सात से आठ लोगों की भी यही स्थिति है.

गुजरात के केशोद में रहने वाले तुषार वैष्णव और उनकी पत्नी को 17 सितंबर को रात आठ बजे एक मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था कि उन्हें कोरोना की दूसरी डोज लग चुकी है.

वैष्णव ने कारवां को बताया, ‘शुरुआत में मुझे लगा कि यह गलती से हुआ होगा लेकिन जब मैंने हम दोनों के नाम प्रमाणपत्र पर देखें तो मुझे कुछ समझ नहीं आया.’

यह प्रमाणपत्र उनके घर से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक टीकाकरण केंद्र से जारी किया गया था. उनका कहना है कि उनके लिए इतनी दूर टीकाकरण केंद्र जाकर टीका लगवाना असंभव है.

वैष्णव ने बताया कि वह प्रशासन से सवाल-जवाब करने 18 सितंबर को टीकाकरण केंद्र गए थे. वहां पर इसी शिकायत के साथ पांच अन्य लोग भी आए थे.

उन्होंने कहा, ‘केंद्र में मौजूद एक नर्स ने उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि इसके बजाय नर्स ने कथित तौर पर उन्हें बैठने को कहा और बिना किसी डेटा एंट्री और उनका आधार कार्ड देखे उन्हें कोरोना डोज लगी दी.’

एक अन्य मामले में बिहार के हिल्सा के रहने वाले राजू कुमार को 15 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से फोन आया, जिसमें कहा गया कि वह इस हफ्ते किसी भी समय आकर कोरोना की दूसरी डोज लगवा सकते हैं, लेकिन कारवां के मुताबिक, 17 सितंबर को दोपहर लगभग 3.30 बजे कुमार को एक नोटिफिकेशन मिला कि सफलतापूर्वक उन्हें कोरोना का दूसरी डोज लग चुकी है और वह अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं.

इससे हैरान राजू कुमार ने जब टीकाकरण केंद्र फोन किया तो उन्हें चुप रहने और जब चाहे टीका लगवाने के लिए केंद्र आने को कहा गया.

कारवां की रिपोर्ट में कहा गया कि वह टीकाकरण केंद्रों को ट्रैक नहीं कर सके और ना ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनके सवालों पर कोई प्रतिक्रिया दी है.

इन रिपोर्टों पर गौर करें तो पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘आत्मसंतुष्टि’ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने स्वास्थ्य डेटा में हेरफेर की है. ठीक इसी तरह एक दिन में कोरोना डोज की संख्या में वृद्धि और बाद में कोरोना के टीकों की संख्या में अप्रत्याशित गिरावट से पता चलता है कि फर्जी आंकड़े दिखाने के लिए कोरोना डोज के रिकॉर्ड की जमाखोरी की गई.

उदाहरण के लिए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सरकारी अधिकारियों ने देशभर में 86 लाख कोरोना डोज लगाई गई लेकिन बाद में ऐसी रिपोर्टें सामने आईं जिनसे पता चला कि भाजपा शासित राज्यों में कुछ दिन पहले ही टीकाकरण की गति को कम कर दिया गया था ताकि 21 जून को इसमें अप्रत्याशित वृद्धि दिखाई जा सके.

प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर हुए टीकाकरण में फ़र्ज़ीवाड़ा, बिना टीका लगे बंटे प्रमाणपत्र Reviewed by on . नई दिल्लीः द कारवां की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन कोरोना टीकाकरण की रिकॉर्ड संख्या के नाम पर फर्जी नई दिल्लीः द कारवां की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन कोरोना टीकाकरण की रिकॉर्ड संख्या के नाम पर फर्जी Rating: 0
scroll to top