भोपाल- मामला है मप्र के डिंडोरी जिले का और सर चढ़े कलेक्टर हैं रत्नाकर झा अब ये साहब किसकी वजह से सर चढ़े हैं इसका अंदाजा लगाना आसान है बिना सत्ता के आशीर्वाद के इनके तेवर इतने तल्ख़ नहीं हो सकते हैं.
मामला राष्ट्रीय संरक्षण प्राप्त बैगा आदिवासी से जुड़ा है एक महिला जिसका 2 वर्षीय पुत्र गंभीर बीमारी से पीड़ित है एवं शासन से अपेक्षित सहायता उसे नहीं मिल पा रही थी ऐसे में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेसी विधायक ओमकार मरकाम उसे साथ ले कलेक्टर साहब के पास पहुंचे साथ ही एक चैनल के स्थानीय संवाददाता दीपक ताम्रकार भी थे ,दीपक ताम्रकार डिंडोरी जिले के मान्य पत्रकारों में एक हैं एवं उन्हें पत्रकारिता क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन कई बार सम्मानित भी कर चुका है.
कलेक्टर रत्नाकर झा ने पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक को अपने कक्ष में बैठने के लिए कुर्सी भी आमंत्रित नहीं की ,इसके पहले भी कलेक्टर इन विधायक महोदय को प्रभारी मंत्री से मिलने में बाधा बनते रहे एवं विधायक की डोली टंगवा दिए थी. पत्रकार ने जब इस वार्तालाप का विडिओ शूट करना चाहा तो दबंग कलेक्टर साहब भड़क उठे एवं अपनी अक्षमता छिपाने के लिए पत्रकार दीपक को पहचानने से इंकार किया एवं बाहर जाने को कहा.
सोचिये ऐसा कलेक्टर एक जिले वह भी आदिवासी जिले में कार्य कर उसके साथ ,शासकीय योजनाओं के साथ और जनता के साथ कैसे न्याय कर पायेगा ?
जब हमने कलेक्टर रत्नाकर झा से बात की तब उन्होंने कहा ये लोग स्टोरी प्लान कर आते हैं ,पत्रकार ने अपना परिचय नहीं दिया ,पत्रकार को कैमरामेन साथ ले कर आना चाहिए था जब हमने पुछा की दीपक को सभी जानते हैं और आप भी उसे एक वर्ष से देख रहे हैं के जवाब पर वे चुप रहे. उन्होंने कहा विधायक को बैठने का कहने पर भी वे नहीं बैठे।
पत्रकार दीपक ताम्रकार ने बताया कलेक्टर महोदय ने कहा की तुम लोग क्या हो इसकी जांच करवाता हूँ और प्रशासनिक अधिकारीयों से पत्रकार की जांच-परख करने लगे,की ये कौन है इसकी हिस्ट्री निकालो, इस तरह का कलेक्टर कैसे आदिवासी क्षेत्र में भला करेगा यह विचारणीय प्रश्न है सत्ता के लिए.
हमने विधायक ओमकार मरकाम से बात की ,उन्होंने बताया कि कलेक्टर का रवैया ठीक नहीं था ,दीपक ताम्रकार अपना काम कर रहे थे.