भोपाल– मप्र में कोरोना वेक्सीनेशन के लिये शनिवार 2 जनवरी को भोपाल के 3 वेक्सीनेशन केन्द्रों पर ड्राय रन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कोविन एप पर वेक्सीनेशन के लिये चुने गये 75 व्यक्तियों के सफलतापूर्वक ड्राय रन में (रिहर्सल में) वेक्सीनेशन होने के आँकडे 11 बजे के बाद ऑनलाइन प्रदर्शित होने लगे। 16 जनवरी से मप्र में टीकाकरण व्यवस्थित रूप से शुरू हुआ,टीकाकरण की गति 12 मार्च तक बहुत धीमी रही एवं न तो सरकार इसे बढ़ाने में कोई बेहतर प्रयास कर पायी और न ही जनता ने रूचि दिखाई।
13 अप्रैल से कुछ गति बढ़ी लेकिन 30 अप्रैल से 14 मई के मध्य यह पुनः अपनी पुरानी स्थिति पर आ गयी,15 मई के बाद अपेक्षाकृत इसने सरकारी बयानों के हिसाब अनुसार गति पकड़ी और मप्र की सत्ता अनुसार 21 जून को विशेष अभियान के तहत अपने चरम पर 16,74,051 तक पहुंची जिसे सरकार ने अपनी एक उपलब्धि बताया,15 मई के बाद टीकाकरण में वृद्धि कोरोना की दूसरी लहर के लोमहर्षक मौतों के तांडव का परिणाम रहीं लोगों ने जो परेशानियां और पीड़ा भुगती या अपने परिजनों ,मित्रों को असमय तड़प कर जाते देखा उसके भय एवं अन्य कोई विकल्प परिणाम टीकाकरण की संख्या में वृद्धि के रूप में सामने आया.
मप्र की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या सन 2021 में लगभग 85,002,417 ( साढ़े आठ करोड़) है आज दिनांक 23 जून 2021 तक मप्र में लगभग 1,60,00000 (एक करोड़ साथ लाख) वैक्सीन के प्रथम डोज लग चुके हैं अतः अभी तक लगभग 7,0000000 (सात करोड़) लोगों को वैक्सीन का प्रथम डोज लगाया जाना शेष है.
मप्र में अभी तक जो टीकाकरण 6 माह में हुआ है वह कुल जनसँख्या का 12 प्रतिशत मात्र है ,अब बरसात के मौसम में टीकाकरण की गति धीमी होने की संभावना के चलते इनकी संख्या कम होगी वहीँ केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों ने अगस्त सितम्बर में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जाहिर कर दी है,इसी अनुपात से यदि हम हिसाब लगाएं तो 20 से 25 प्रतिशत आबादी का ही मप्र टीकाकरण कर पायेगा आप सोचिये यदि तीसरी लहर ने भी वही असर दिखाया जो दूसरी लहर के समय था तो क्या हाल होंगे ?
एक तरफ जहाँ वैश्विक देश टीकाकरण पूर्ण कर चुके हैं वहीँ हम आज एक चौथाई जनसंख्या के टीकाकरण का लक्ष्य सितम्बर तक प्राप्त करते नहीं दिख रहे हैं. जहां भारत की जनसंख्या 2021 में 133 करोड़ अनुमानित है और हम आज दिनांक तक लगभग 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर चुके हैं जो आबादी का का मात्र 19 प्रतिशत है एवं देश कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के सामने अपनी तैयारियों में बौना नजर आ रहा है ,यदि तीसरी लहर की आशंका सत्य है तो ईश्वरीय शक्ति ही भारत को इस महामारी से बचा सकती है. अतः सरकार अपना प्रयास जैसा भी जो भी है कर रही है लेकिन हमें भी अपने ईश्वर से अपने तरीके से मनौती मांगना शुरू कर देना होगा की बस बहुत हुआ अब मेरे देश को बख्शो इस आपदा से.
मप्र में रिकार्ड टीकाकरण के जश्न पर कुछ नेताओं ने तंज कसे हैं जो यहाँ प्रस्तुत हैं :
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इस मामले में ट्वीट करके संदेह जताया है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मध्य प्रदेश में पिछले तीन दिनों का वैक्सीनेशन ट्रेंड: 20 जून-692, 21 जून June: 16.93 लाख, 22 जून-4842 ‘ हम किसे मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तंज कसते हुए कहा कि महीने में एक दिन वैक्सीन लगाने से अच्छा है महीने भर वैक्सीन लगाना. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि एक दिन को खास बनाने के लिए वैक्सीन को होल्ड किया जा रहा था.
पी चिदंबरम ने कटाक्ष किया है ,”तो टीकाकरण के वर्ल्ड रिकॉर्ड के पीछे ये रहस्य है” : पी चिदंबरम ने आगे लिखा कि कौन जाने, हो सकता है मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मोदी सरकार को दिया जाए. ‘मोदी है, मुमकिन है’ को अब पढ़ना चाहिए ‘मोदी है, चमत्कार है.’
चिंता की बात यह की इस रिकार्ड के पहले तीन दिन और अगले दिन टीकाकरण 12000 से 627 की संख्या में हुआ उसके अगले दिन यानि 21 जून को 16 लाख की संख्या को पार कर गया उसके अगले ही दिन 5000 से भी नीचे रहा आखिर इसके पीछे कारण क्या हैं ? जब हमने पड़ताल की तब पता चला वैक्सीन की आने की संख्या सीमित है इसलिए सरकार प्रयास और प्रसार कम कर रही है वरना जनता भयग्रस्त हो वैक्सीन लगाने के लिए आतुर है वहीँ भाजपा सरकार का किसी उपलब्धि को बताने का अपना एक उत्सवी तरीका है और इसी फार्मूले पर सरकार इस बार भी चली,सरकार ने जनता को यह सन्देश दिया की हम आपके लिए सबकुछ कर रहे हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है और वह मप्र के मुखिया भी बेहतर जानते हैं.
अनिल कुमार सिंह की रिपोर्ट