पणजीः सनातन संस्थान ने अपने तीन फेसबुक पेज ब्लॉक किए जाने को चुनौती देते हुए गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. इन फेसबुक पेज में से दो 2011 में, जबकि एक 2013 में बनाया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक इंडिया के वकील ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एमएस सोनक और जस्टिस एमएस जावलकर की पीठ को बताया कि वे एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर बहस करना चाहते हैं.
पीठ ने मामले की सुनवाई आठ जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है.
एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा, ‘यहां ध्यान देने योग्य है कि इन फेसबुक पेज में लेख, खबरें, हिंदू धर्म के बारे में मार्गदर्शन शामिल हैं. हालांकि, इसका किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधि से कुछ लेना-देना नहीं है.’
हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक, सितंबर 2020 में संस्था के फेसबुक पेजों को ब्लॉक करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
याचिका में कहा गया कि फेसबुक इस मामले में पहला प्रतिवादी है, जो कानून का पालन किए बगैर भारत के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है.
संस्था ने कहा कि याचिकाकर्ता को कोई अवसर दिए बिना सीधे उसके पेजों को ब्लॉक कर देना अन्यायपूर्ण, अनुचित है और इसे ठीक करने की जरूरत है.
संस्था ने कहा कि केवल केंद्र सरकार या अदालत के निर्देश पर ही फेसबुक पेजों को ब्लॉक कर सकता है.
सनातन संस्था के मुताबिक, केंद्र भी अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में असफल रहा.
याचिका में कहा गया, ‘यह याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है और यह सरकार का कर्तव्य है कि वह भारत के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करें. प्रतिवादी याचिकाकर्ता के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने में असफल रहा है.’
याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मामले में पहले दो प्रतिवादी) को फेसबुक की तरह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रेगुलेट करना चाहिए ताकि वे सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम का दावा कर सहूलियत के हिसाब अपना पक्ष नहीं बदलें.
सनातन संस्था का कहना है कि उन्होंने अपने फेसबुक पेज सामाजिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और देशभक्ति के कार्यों को ध्यान में रखते हुए बनाए थे और उनकी संस्था आमजन को प्रशिक्षित करने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करती हैं.