Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मीडिया के विशेष संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

Home » भारत » मीडिया के विशेष संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट

मीडिया के विशेष संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट

May 31, 2021 10:56 pm by: Category: भारत Comments Off on मीडिया के विशेष संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट A+ / A-

नई दिल्ली– उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह विशेषकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया के अधिकारों के संदर्भ में राजद्रोह कानून की व्याख्या की समीक्षा करेगा.

न्यायालय ने कथित राजद्रोह को लेकर दो तेलुगू समाचार चैनलों टीवी 5 और एबीएन आंध्रज्योति के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर सोमवार को रोक लगा दी.

गौरतलब है कि राजद्रोह के मामले में गिरफ़्तार आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद के. रघु राम कृष्ण राजू के बयान को प्रसारित करने के संबंध में राज्य के टीवी5 और एबीएन आंध्रा ज्योति समाचार चैनलों पर मामला दर्ज किया गया है.

बीते अप्रैल में राजू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई अदालत द्वारा पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को दी गई जमानत खारिज करने की मांग की थी.

मीडिया संस्थानों ने राजद्रोह के मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दोनों मीडिया हाउस ने राजद्रोह के मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करते हुए हाल में शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी.

एक मीडिया हाउस ने दावा किया था कि यह राज्य में समाचार चैनलों को डराने का एक प्रयास है ताकि वे सरकार की आलोचना वाली सामग्री को दिखाने से बचें.

सोमवार को इस मामले को सुनते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस. रवींद्र भट की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों – 124ए (राजद्रोह) और 153 (विभिन्न वर्गों के बीच कटुता को बढ़ावा देना) की व्याख्या की जरूरत है, खासकर प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर.’

न्यायालय ने प्राथमिकी के संबंध में आंध्र प्रदेश पुलिस को इन चैनलों और उनके कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया. पीठ ने चैनलों की याचिकाओं पर राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

चैनलों के खिलाफ राजद्रोह सहित विभिन्न अपराधों के लिए आरोप लगाए गए हैं.

टीवी 5 समाचार चैनल की स्वामी श्रेया ब्रॉडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य ऐसी ‘भ्रामक प्राथमिकी’ दर्ज कर और कानून का दुरुपयोग कर अपने आलोचकों और मीडिया का मुंह बंद करना चाहता है.

टीवी चैनल के खिलाफ प्राथमिकी का संबंध सांसद राजू के विरूद्ध दर्ज राजद्रोह के मामले से है जिन्हें पहले ही आंध्र प्रदेश पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

चैनलों ने दावा किया कि यह प्राथमिकी राजू के बयानों को दिखाने के कारण दर्ज की गई है, जो अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के आलोचक रहे हैं.

चैनलों ने आंध्र प्रदेश प्राधिकार को अपने खिलाफ दर्ज मामले के संदर्भ में चैनलों के प्रबंधन और कर्मचारियों के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.

अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने मामले में राजू को गिरफ्तार किया है और दोनों चैनलों को भी आरोपी बनाया है. सर्वोच्च अदालत ने इसी मामले में सांसद राजू को पहले ही जमानत दे दी है.


मीडिया के विशेष संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट Reviewed by on . नई दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह विशेषकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया के अधिकारों के संदर्भ में राजद्रोह कानून की व्याख्या की समीक्षा करे नई दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह विशेषकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया के अधिकारों के संदर्भ में राजद्रोह कानून की व्याख्या की समीक्षा करे Rating: 0
scroll to top