नई दिल्ली-चक्रवाती तूफान ‘यास’ पर प्रधानमंत्री के साथ हुई राहत समीक्षा बैठक में ग़ैरहाज़िर रहने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बहुत ही तीखी आलोचना हो रही है। इसे राज्य की जनता के हितों के ख़िलाफ़, अर्मयादित, प्रोटोकॉल का उल्लंघन और अभूतपूर्व बताया जा रहा है।
लेकिन यह अभूतपूर्व घटना नहीं है। इसके पहले ऐसा कई बार हो चुका है। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बैठक का बायकॉट किया था। उन्होंने ही नहीं, दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी ऐसा कई बार किया है।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान ‘यास’ से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए इन दो राज्यों का हवाई सर्वेक्षण किया। उसके बाद उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाक़ात की और अंत में केंद्रीय सहायता का एलान किया।
कोलकाता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ग़ैरहाज़िर थी, उनका कोई प्रतिनिधि भी उसमें मौजूद नहीं था। लेकिन इसकी पूर्व जानकारी मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को दे दी थी।
एनआईसी की बैठक का बॉयकॉट किया था मोदी ने
‘इंडिया टुडे’ के अनुसार नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर, 2013 को राष्ट्रीय एकीकरण परिषद (नेशनल इंटीग्रेशन कौंसिल) की दिल्ली में हुई बैठक का बॉयकॉट किया था। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी।
इस बैठक के ठीक पहले उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था, जिसमें 50 लोग मारे गए थे और 40 हज़ार से ज़्यादा बेघर हो गए थे।
इस बैठक में सांप्रदायिक सद्भावना बढ़ाने और नफ़रत फैलाने वाले अभियानों पर रोक लगाने के उपायों पर चर्चा की गई थी।
नेशनल इंटीग्रेशन कौंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह भी ग़ैरहाज़िर थे। उस राज्य में बीजेपी की सरकार थी।
तेलंगाना
इसी तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव 21 फरवरी 2021 को हुई नीति आयोग गवर्निंग कौंसिल की बैठक में ग़ैरहाज़िर थे। लेकिन उनके मुख्य सचिव उसमें मौजूद थे।
केरल
इसी तरह 27 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्रियों के साथ हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी मौजूद नहीं थे।
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी कोरोना लॉकडाउन हटाने पर 18 जून, 2020 को प्रधानमंत्री के साथ हुई वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
ओडिशा
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 16 अगस्त, 2019 को नीति आयोग की बैठक में ग़ैरहाज़िर थे।
खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बैठक का बॉयकॉट करने वाले मौजूदा मोदी अपनी बैठक में ममता के न रहने से इतने नाराज़ हैं कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय को वापस बुला लिया है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाया था। केंद्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बंगाल सरकार 31 मई की सुबह तक बंद्योपाध्याय को दिल्ली के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में तक भेज दे। यह मंत्रालय पीएमओ के तहत आता है।