रायपुर- तथाकथित ‘कांग्रेस टूलकिट’ मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमन सिंह तथा पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ केस दर्ज किया है.
इस मामले को लेकर राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कराया था.
पुलिस ने सिंह को नोटिस जारी कर कहा है कि उनसे पूछताछ करनी है, इसलिए वह इस महीने की 24 तारीख को अपने निवास में उपस्थित रहें. वहीं पात्रा से रविवार (23 मई) को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया था.
सिविल लाइंस थाने के एसएचओ आरके मिश्रा ने कहा, ‘आज हमने संबित पात्रा से कहा था कि वे व्यक्तिगत रूप से या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ के लिए उपस्थित रहें.’
रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को नोटिस जारी करके कहा है कि उनसे पूछताछ करनी है, इसलिए वह इस महीने की 24 तारीख को दोपहर 12:30 बजे अपने निवास स्थान पर उपस्थित रहें.
उन्होंने बताया कि नोटिस में रमन सिंह से कहा गया है कि वह जानकारी दें कि उनके नाम का ट्विटर अकाउंट उनका है तथा वह उस अकाउंट के एक्सेस की जानकारी दें. साथ ही कहा गया है कि वह जानकारी दें कि ‘एआईसीसी रिसर्च प्रोजेक्ट’ और ‘कॉरनरिंग नरेंद्र मोदी एंड बीजेपी ऑन कोविड मैनेजमेंट नामक’ दस्तावेज किससे प्राप्त हुआ.
उनसे कहा गया है कि ‘कांग्रेस टूल किट एक्सपोज्ड’ हैशटैग का प्रयोग करते हुए आपके द्वारा अन्य आरोपियों/व्यक्तियों से किए गए संवाद के संबंध में जानकारी दें.
सिंह और पात्रा के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ धरना दिया था.
राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ टूलकिट के मामले में कांग्रेस द्वारा कराई गई एफआईआर को लेकर बीते शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों में पांच-पांच प्रमुख पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए थानों के सामने धरना देकर अपनी गिरफ्तारी की मांग की थी.
उन्होंने बताया कि इस दौरान भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार दबाव और दमन के अपने राजनीतिक चरित्र का परिचय दे रही है, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता एकजुट होकर पूरी ताकत के साथ रमन सिंह के साथ संघर्ष की हर परीक्षा देने को तत्पर हैं.
कांग्रेस की शिकायत के बाद ट्विटर द्वारा भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के उस ट्वीट को ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया‘ करार दिया गया है. इस पर केंद्र ने आपत्ति जताई है और इसे ट्विटर से वापस लेने की मांग की है.
मालूम हो कि बीते 18 मई को उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस संकट काल में विपक्षी दल की ‘गिद्धों की राजनीति’ उजागर हुई है.
एक ‘कोविड-19 टूलकिट’ का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया था कि कोरोना के समय जब पूरा देश महामारी से लड़ रहा है तो कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारत को पूरे विश्व में ‘अपमानित और बदनाम’ करने की कोशिश की है.
इसी तरह के आरोप भाजपा नेता जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी और बीएल संतोष ने भी कांग्रेस पर लगाए थे. इसके अलावा इसमें केंद्रीय मंत्रियों- पीयूष गोयल, हरदीप सिंह पुरी, किरन रिजिजू, अनुराग ठाकुर, प्रह्लाद जोशी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, भाजपा सांसदों- राज्यवर्धन सिंह राठौड़, तेजस्वी सूर्या, पीसी मोहन, मनोज कोटक, विनय सहस्त्रबुद्धे जैसे लोग भी शामिल हैं.
भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि टूलकिट में ‘लापता अमित शाह’, ‘क्वारंटीन जयशंकर’, ‘साइडलाइन राजनाथ सिंह’ और ‘असंवेदनशील निर्मला सीतारमण’ जैसे शब्द इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है. भाजपा नेता #CongressToolkitExposed नाम से ट्विटर टैग वायरल करा रहे थे.
बता दें कि टूलकिट एक प्रकार का दस्तावेज होता है, जिसमें अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बिंदुवार मुद्दे होते हैं. अभियान को धार देने के लिए इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को घेरने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है.
इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने एवं लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ‘फर्जी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाया था और सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, उसके वरिष्ठ नेताओं- बीएल संतोष, स्मृति ईरानी, संबित पात्रा तथा कई अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस में ‘जालसाजी’ की शिकायत दर्ज कराई थी.