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गणतंत्र दिवस परेड में रूसी विरासत का होगा वर्चस्व

नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा परेड प्रदर्शन के दौरान भारत के रक्षा कौशल और इसकी विविध संस्कृति से रूबरू होंगे। इस दौरान अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों की भारत द्वारा रूस से खरीदे गए सामरिक हथियारों पर भी नजर रहेगी।

नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा परेड प्रदर्शन के दौरान भारत के रक्षा कौशल और इसकी विविध संस्कृति से रूबरू होंगे। इस दौरान अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों की भारत द्वारा रूस से खरीदे गए सामरिक हथियारों पर भी नजर रहेगी।

भारत और अमेरिका की नई दोस्ती का सबूत हालांकि 90 मिनट की परेड के अंत में देखने को मिलेगा, जब परेड में अमेरिका के यूएस पी81 समुद्र टोही विमान, सी-130 जे विशेष अभियान विमान और सी-17 ग्लोबमास्टर हैवी लिफ्ट विमान प्रदर्शित होंगे।

गणतंत्र दिवस साल में अकेला ऐसा दिन है जब महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों, तोपों से लेकर मिसाइल तक सभी रक्षा उपकरणों को जनता के लिए प्रदर्शित किया जाता है। पिछले साल की तरह इस साल भी सांस्कृतिक झांकियों और विमान परेड के बाद सेना की तीनों इकाइयां अपने परेड दल और प्रणालियों को परेड में तैनात करेंगी।

प्रदर्शन की शुरुआत रूस द्वारा निर्मित भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलीकॉप्टर एमआई17 द्वारा तिरंगा पट्टी बनाने और दर्शकों पर फूल बरसाने के साथ शुरू होगी जो टी-90 भीष्म के नेतृत्व में सेना की यांत्रिक टुकड़ी के साथ जारी रहेगा। भारत ने इस तोप को स्वदेशी तोप अर्जुन एमबीटी के निर्माण में हो रही देरी के कारण लिया था। इसे पाकिस्तान द्वारा सीमा पर तैनात यूक्रेनियन टी-80यूडी टैंक का मुकाबला करने के लिए खरीदा गया था।

इसके साथ ही बीएमपी-टू (सारथ) भी इस परेड में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा। इसी तरह टी-72 तोप भी परेड में प्रदर्शित किया जाएगा। इसे सोवियत रूस में बनाया गया था।

इसके बाद संचालन के मामले में दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का प्रदर्शन किया जाएगा। इसे पनडुब्बियों, जहाजों, विमान या जमीन कहीं से भी दागा जा सकता है। यह मिसाइल भारतीय सेना का अभिमान है। यह रूस के एनपीओ माशिनोस्ट्रोएनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) का संयुक्त उपक्रम है।

विमान परेड में सुखोई-30 एमकेआई भी शामिल होगा। यह भारतीय वायु सेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान है। यह भी भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है।

इसके बाद भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमान मिग-29 के और आईएएफ संस्करण का प्रदर्शन किया जाएगा।

1980 में जब आईएएफ ने 50 एमआई-29 खरीदने का ऑर्डर दिया था, उस समय इन विमानों का वह पहला अंतर्राष्ट्रीय खरीदार था।

तीनों अमेरिकी वायुयान पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हो रहे हैं।

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