नई दिल्ली/रायपुर/भोपाल– छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि सरकार उन बच्चों की शिक्षा का खर्चा उठाएगी जिनके माता-पिता की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई है.
सरकार उन परिवारों के बच्चों की शिक्षा का भी ध्यान रखेगी जिनके परिवार में कमाने वाले सदस्य की कोरोना संक्रमण से जान चली गई है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया है, “छत्तीसगढ़ सरकार उन बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाएगी जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है. राज्य की महतारी दुलार योजना के तहत स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार उन बच्चों शिक्षा का भी ध्यान रखेगी जिनके घर में कमाने वाले सदस्य की कोविड-19 से मौत हो गई है.”
मुख्यमंत्री कार्यालय से ये भी ट्वीट किया गया कि ऐसे बच्चों को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. उनसे कोई फीस नहीं ली जाएगी.वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केरजीवाल ने कहा है कि इस तरह के बच्चों की पढ़ाई का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी.
उन्होंने ये भी कहा है कि जिन बुजुर्गों के घर के युवा इस महामारी की शिकार बन गए हैं उनका ख्याल भी सरकार रखेगी.भारत ने अपनी तीन फीसदी आबादी को वैक्सीन की दोनों ख़ुराकें दे दी हैं. लेकिन पूरी वैक्सीन के बाद आने वाले संक्रमण के मामले अब बढ़ते हुए दिख रहे हैं.
हेल्थ वर्कर- डॉक्टर, नर्स, अस्पताल और क्लिनिक में काम करने वाले लोगों को ख़ासतौर पर इसका सामना करना पड़ा है.
इस बात में कोई शक़ नहीं है कि कोरोना की वैक्सीन कारगर हैं. ये वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचाते लेकिन ज़्यादातर लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने से ज़रूर बचाते हैं.
लेकिन टीके 100 प्रतिशत कारगर नहीं होते, ख़ासतौर पर इस तेज़ी से बढ़ती महामारी के दौर में. इसलिए वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण होना आश्चर्य की बात नहीं.
कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने बेसहारा परिवार को मदद करने का एलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को बताया कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार से पिता का साया उठ गया है, कोई कमाने वाला नहीं है, ऐसे परिवारों को 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। साथ ही ऐसे बच्चों को निशुल्क शिक्षा मुहैया कराई जाएगी।