नई दिल्ली – द इंडियन एक्सप्रेस अख़बार अपनी रिपोर्ट में लिखता है, गुरुद्वारे में ‘ऑक्सीजन लंगर’ की व्यवस्था खालसा हेल्प इंटरनेशनल संगठन और गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा ने मिलकर दो सप्ताह पहले की थी.
इसके तहत एक बड़े टेंट में बेड, ऑक्सीजन सिलिंडर, कॉन्सेंट्रेटर्स, मास्क की व्यवस्था की गई है. इस टेंट में पंखों और कूलर की भी व्यवस्था है. अगर किसी को बेड नहीं मिलता है तो वो कुर्सी पर भी बैठ सकता है.
गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष और खालसा हेल्प के संस्थापक सदस्य गुरप्रीत सिंह रम्मी कहते हैं, “गुरुद्वारे में हमारे पास 25-30 बेड हैं. 70 से अधिक मरीज़ हर रोज़ यहाँ आ रहे हैं. हम किसी को मना नहीं करते हैं.”यहाँ आने वालों में अधिकतर वे लोग शामिल हैं जिन्हें ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है लेकिन उन्हें अस्पतालों में जगह नहीं मिलती है. अधिकतर लोग गुरुद्वारे में इंतज़ार करते हैं जबकि उनके परिवार वाले बेड की व्यवस्था कर रहे होते हैं.
कुछ मरीज़ ठीक महसूस करने पर वापस घर चले जाते हैं जबकि कुछ ज़िंदगी की जंग हार जाते हैं.
रम्मी कहते हैं, “हमारे गुरुद्वारे के दरवाज़े हर किसी के लिए खुले हुए हैं. अधिकतर वे मरीज़ आते हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल बेहद गिर चुका होता है और वे बेहद नाज़ुक स्थिति में होते हैं. मरीज़ तब तक ऑक्सीजन सप्लाई का इस्तेमाल करते हैं जब तक कि वे ठीक महसूस नहीं करते. ईश्वर की कृपा से हमारे पास ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति है लेकिन फिर भी हम कुछ मरीज़ों को नहीं बचा पा रहे हैं.”दिल्ली में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच इस वायरस से संक्रमित लोगों में एक बार फिर एक असामान्य फ़ंगस इन्फ़ेक्शन देखा जा रहा है.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स लिखता है कि दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में बीते दो दिनों में असामान्य संक्रमण म्यूकोमाइकोसिस से अब तक 6 मरीज़ संक्रमित हो चुके हैं.
बीते साल दिसंबर में अस्पताल में ही 10 मामले सामने आए थे. ये उन लोगों में पाए गए थे जो या तो कोविड-19 से संक्रमित थे या फिर 15 दिनों के अंदर इससे ठीक हुए थे.
म्यूकोमाइकोसिस को ब्लैक फ़ंगस के नाम से भी जाना जाता है. इसका पता अगर शुरुआत में नहीं चलता है तो इसके आधे मरीज़ मर सकते हैं.
वहीं इसका संक्रमण बढ़ने के कारण इससे आंख़ों की रोशनी जाने या फिर जबड़े की हड्डी हटाने का डर रहता है.
कोविड-19 मरीज़ों का प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर हो जाता है जिससे उनमें यह अधिक हो रहा है.