सोशल मीडिया पर दावा-1: बीरभूम ज़िले के नानूर में बीजेपी की दो महिला चुनावी एजेंटों के साथ टीएमसी के लोगों ने सामूहिक बलात्कार और मारपीट की है.
हक़ीक़त: ख़ुद उस महिला ने इस दावे को पूरी तरह फ़र्ज़ी क़रार दिया है. पुलिस अधीक्षक नागेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने भी कहा है कि ज़िले में बलात्कार की कोई घटना नहीं नहीं हुई.
सोशल मीडिया पर दावा-2: कूचबिहार ज़िले के शीतलकुची में टीएमसी के गुंडों ने मानिक मैत्र (20) नामक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी है.
हक़ीक़त: मृतक के चाचा कार्तिक मैत्र कहते हैं, “मानिक किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ा था. हालाँकि पुलिस ने अब तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है. वैसे, ममता बनर्जी शीतलकुची में 10 अप्रैल को हुई फ़ायरिंग के बाद कूचबिहार ज़िले के एसपी पर सरेआम पक्षपात पूर्ण कार्रवाई के आरोप लगाती रही हैं.
“पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैली हिंसा में सोशल मीडिया पर किए जाने वाले दावों ने भी आग में घी डालने का काम किया है. रविवार रात से ही ऐसी सैकड़ों तस्वीरें और वीडियो टीएमसी की कथित गुंडागर्दी के दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.