जम्मू और श्रीनगर के प्रमुख अस्पतालों में लगातार कोरोना मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए सरकार ने सामान्य प्रशासनिक विभाग में नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे केएएस अधिकारियों को विशेष ड्यूटी के लिए अस्पतालों में तैनात किया है। नियुक्तियां स्किम्स सौरा, मेडिकल कॉलेज और सीडी अस्पताल में की गई हैं।
आदेश के अनुसार प्रेम सिंह को राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू, मुश्ताक अहमद को शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस सौरा, शब्बीर-उल-हसन को मेडिकल कॉलेज श्रीनगर, हमीदा अख्तर को सीडी अस्पताल श्रीनगर और राकेश कुमार गुप्ता को सीडी अस्पताल जम्मू में तैनात किया गया है। उनका काम त्रिस्तरीय अस्पताल व्यवस्था में मरीजों को सही इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाना, ऑक्सीजन सप्लाई के बेहतर प्रबंधन के लिए अस्पताल प्रबंधन का सहयोग करना और डिविजनल कमिश्नर द्वारा कोविड प्रबंधन के लिए जारी आदेशों को अस्पतालों में सही तरीके से लागू करवाना है।
कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच जम्मू-कश्मीर में मरीजों को बाजार से कई प्रकार की दवाइयां, पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक नहीं मिल पा रहे हैं। अगर कुछ दुकानदारों के पास यह सामान है भी तो उसके मुंह मांगे दाम मांगे जा रहे हैं। विशेषतौर पर पल्स ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तो मिल ही नहीं पा रहे हैं। सरकार ने कालाबाजारी रोकने के लिए निर्देश तो बहुत दिए हैं लेकिन जमीनी स्तर पर यह लागू नहीं हो पा रहे हैं।
दरअसल पिछले वर्ष संक्रमित लोग अस्पतालों में भर्ती होते थे या फिर उनके लिए कोविड केयर अस्पताल बनाए गए थे। लेकिन इस बार बिना लक्षण के आनेवाले संक्रमित मरीजों को घरों में ही रखा गया है। बहुत से मरीजों को घरों में यह पता ही नहीं चल पा रहा है कि उनका इलाज क्या है? वे जब गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं तो अस्पताल पहुंच रहे हैं।
यही नहीं राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वॉर्ड में जो मरीज भर्ती हैं, उनके साथ कई वॉर्डों में तीमारदार भी हैं। कुछ मरीजों को तो वॉर्ड में फर्श पर बैठे हुए भी देखा जा सकता है। एक ही बेड पर मरीज के साथ जब तीमारदार भी बैठेगा और वॉर्ड में चक्कर भी लगाएगा, उसके बाद वॉर्ड के बाहर भी आएगा तो इससे संक्रमण फैलने की आशंका और बढ़ जाती है। इस तरह के दृश्य राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कुछ कोविड वॉर्डों में साफ देखे जा सकते हैं।